अम्बेडकरनगर: मदरसा अशराफुल उलूम इंदईपुर में ‘इंसानियत की गिरावट और उनका समाधान’ शीर्षक से पूर्व प्रधानाचार्य ताज मोहम्मद सिद्दीकी की अध्यक्षता तथा मोहम्मद याकूब के संचालन में विचार गोष्ठी आयोजित हुई। कार्यक्रम में सितारे उर्दू एवार्ड से सम्मानित मोहम्मद शफी नेशनल इंटर कॉलेज हंसवर के शिक्षक मोहम्मद असलम खान ने बतौर मुख्य वक्ता संबोधित करते हुए कहा कि मानवता प्रेम और भाईचारे का संदेश देती है। जिसके कारण मनुष्य दूसरे के हित में कार्य करता है। जिस मनुष्य के अंदर दया और इंसानियत नहीं होती हैं, उसे कभी इंसान नहीं कह सकते हैं। इस दुनिया में मनुष्य ही एक ऐसा जीव हैं जो दूसरों के दुखों को समझ सकता हैं और उसके दुखों को कम कर सकता हैं लेकिन आज के समय में कुछ लोग मानवता को शर्मसार कर देते हैं, वह केवल अपना स्वार्थ देखते हैं।एस एन इंटर कॉलेज इंदईपुर के पूर्व प्रधानाचार्य ताज मोहम्मद सिद्दीकी ने कहा कि मानवता का भाव रखने वाला व्यक्ति निस्वार्थ होकर दूसरों की मदद करता है,और दूसरे के हित के लिए कार्य करता है।जिससे प्रभावित होकर मनुष्य विपदा में दूसरों की मदद करता है और पशुओं पर दया करता है।मानवता ही है जिसे हर व्यक्ति मिल जुलकर विकास की राह पर चल सकता है। मोहम्मद याकूब ने कहा कि प्रत्येक व्यक्ति को अपने अंदर मानवता का भाव रखते हुए अपने इस जीवन को मानव हित के लिए कार्य करना चाहिए। सबका हित सोचना, विपदा में मदद करना, सबके साथ मिल जुलकर रहना, प्रेम और भाईचारे की भावना रखना ही असली मानवता है।प्रबंधक रहबर सिद्दीकी ने कहा कि जिस व्यक्ति में मानवता नहीं है उस व्यक्ति को मानव कहलाने का हक नहीं है। प्रधानाध्यापक नबी आलम ने आए हुए लोगों के प्रति आभार व्यक्त किया।
‘इंसानियत की गिरावट और उनका समाधान’ विषयक पर सम्पन्न हुआ गोष्ठी


