खंडहर में तब्दील होता विकास खंड परिसर में बना 1952 में बना आवास
निष्प्रयोज्य घोषित होने के बाद भी जर्जर भवन में रहने पर मज़बूर हैं कर्मचारी
एक साल से दफ्तरों में घूम रही है नए भवन के पत्राचार की फाइल
अम्बेडकरनगर: गांव के विकास का खाका खींचने तथा ग्रामीणों के लिए आवास, स्वच्छ जल, साफ सफाई जैसी मूलभूत जरूरतो को पूरा करने के लिए प्रयासरत रहने वाला ब्लॉक अपने ही मुख्यालय पर स्थित आवास और कार्यालय जर्जर, गंदगी और दुर्दशा की स्थित में पहुंच गया है। जिसमें मजबूरन कार्यालय और आवास में रहकर कार्य करने को विवश है। उक्त जर्जर भवन गिरने से कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है।
आजादी के बाद 1952 में बना जलालपुर विकास खंड मुख्यालय पर बना आवास व कार्यालय रख रखाव के अलावा अन्य किसी प्रकार का कोई कार्य नहीं किया गया। इसी परिसर में बना मुख्य कार्यालय और आवासीय कॉलोनी में ब्लॉक के बीडीओ, समाज कल्याण, एपीओ मनरेगा, लिपिक व बीडीओ, पीआरडी और कंप्यूटर ऑपरेटर बैठकर अपने कार्य को करने के लिए विवश हैं हालांकि कई कर्मचारियों द्वारा किराये का कमरा लेकर मजबूरन रहना पड़ रहा है।
बरसात के मौसम में ब्लॉक परिसर में बने आवास के छतों पर इकठ्ठा हुआ पानी रिस कर कमरों के अंदर भर जाता है जिससे बचने के लिए छतों पर प्लास्टिक को दरी बिछाकर ईट से दबाया जाता है। जिससे छत का पानी रिसकर कमरे में न बहे। आवास को सुरक्षित करने के लिए बनाया गया बाउंड्री वॉल बीते लगभग दो साल से टूट कर गिर गया साथ ही दीवाल के सहारे खड़ा लोहे का गेट भी टूट कर गिर गया। पूरे ब्लॉक में जगह जगह गंदगी की भरमार है। ब्लॉक परिसर में आए हुए फरियादीयो, ग्राम प्रधानो सहित अन्य लोगों की बैठने की भी व्यवस्थाएं न होने के कारण जहां तहां भटकते रहते हैं।
इस संबंध में जलालपुर बीडीओ रामविलास राव ने बताया कि पूरा आवास को निष्प्रयोज्य घोषित कर दिया गया है और नई बिल्डिंग के लिए शासन से पत्राचार किया गया अभी तक शासन द्वारा कोई प्रस्ताव बनकर नहीं आया। प्रस्ताव आने पर नए भवन का निर्माण किया जाएगा। पुराने और जर्जर भवन में काम करने वाले कर्मचारियों के संबंध में कहा की उन लोगों को मना कर दिया गया है जबरन वह लोग आवास में रहकर काम करते हैं किसी भी हादसे के लिए वह स्वयं जिम्मेदार होंगे।