अम्बेडकरनगर: रूहानी इलाज का विश्व स्तरीय सेंटर माने जाने वाले दरगाह किछौछा में लॉक डाउन के कारण फँसे लगभग 10 हज़ार जायरीनों की सेवा में विभिन्न संस्थाओं सहित ऑल इंडिया बज़्मे अशरफ़ की टीम भी पूरी श्रद्धा व सेवाभाव से लगातार जुटी हुई है। जहां नगर पंचायत अशरफपुर किछौछा व टाण्डा तहसील प्रशासन द्वारा दो कम्युनिटी किचन संचालित किया जा रहा है वहीं ऑल इंडिया बज़्मे अशरफ की टीम द्वारा प्रतिदिन 1500 लोगों को उनके डेरों तक दोनों समय भोजन की पैकेट पहुंचाने का काम टीम के सदस्य कर रहे हैं।गुरुवार को जीरो ग्राउंड पर पहुंची सूचना न्यूज़ टीम ने जो देखा उसको अक्षरों में बयान करना नामुमकिन है। प्रदेश के विभिन्न जनपदों सहित गैर प्रांतों से भी जायरीनों की काफी भीड़ दरगाह में मौजूद है लेकिन लॉक डाउन के कारण आस्ताना हज़रत मखदूम अशरफ जहांगीर सिमनानी सहित सभी गली कूचे व मुख्य मार्ग पर पूरी तरह से सन्नाटा पसरा हुआ है और ऐसे में ऑल इंडिया बज़्मे अशरफ की टीम जब झुग्गी झोपड़ियों में रहे वालों के वास भोजन की पैकेट लेकर पहुंचे तो कई महिलाओं की आंखों में आंसू आ गए। गोण्डा से आए महेश (बदला नाम) अपने बेटे को लेकर दरगाह आया हुआ था लेकिन वो भी लॉक डाउन के कारण फंस गया और उसके सामने भी पेट कु आ बुझाने को कुछ भी नहीं है लेकिन महेश ऑल इंडिया बज़्मे अशरफ की टीम को धन्यवाद देते हुए कहता है कि उसे उम्मीद ही नहीं थी लगातार दोनों समय बैठे बैठे ही भोजन की पैकेट उसे मिल जाएगी। बलिया से आई सीमा देवी अपनी बेटी का इलाज कराने अपने पति के साथ दरगाह में मौजूद है लेकिन पति को शूगर है जिसके लिए बज़्मे अशरफ टीम ने रोटी की व्यवस्था शुरू कर दिया है। ये मात्र चंद नाम है लेकिन यहां मौनूद हर एक झोपड़ी में पूरा एक परिवार बस्ता है और सब के सामने लॉक डाउन के डारन भोजन की बड़ी समस्या है लेकिन ऑल इंडिया बज़्मे अशरफ सहित ने संस्थाओं द्वारा भोजन पैकेट वितरण करने के कारण बेसहारों व जरूरतमन्दों के पेट की आग आसानी से बुझ जाती है जिसके कारण अभी अपनी झोपड़ियों में रह कर लॉक डाउन का सख्ती से पालन भी करते नज़र आ रहे हैं।ऑल इंडिया बज़्मे अशरफ के अध्यक्ष सैय्यद हैदर किछौछवी, नेशनल जरनल सेक्रेटरी सैय्यद आरफ अशरफ किछौछवी, उपाध्यक्ष आले मुस्तफा उर्फ छोटे बाबू, जोनल प्रेसिडेंट सैय्यद मो. नफीस अपनी पूरी टीम के साथ भोजन बनाने, पैकिंग करने एवं डोर-टू-डोर वितरण करने में स्वयं भी जूट रहते हैं।
ज्ञात रहे विश्व के पटल पर हज़रत सैय्यद सुल्तान मखदूम अशरफ जहांगीर सिमनानी रह.की दरगाह किछौछा रूहानी इलाज का सबसे बड़ा सेंटर माना जाता है जहाँ प्रतिदिन हजारों व विशेष अवसरों लार लाखों की संख्या में जायरीनों का आना जाना लगा रहता है तथा काफी संख्या में बीमार लोगों को इलाज के लिए 40 दिन, 04 माह व एक साल तक भी रुकना पड़ता है। कोरोना वायरस की विश्व स्तरीय महामारी के कारण प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदीं ने पूरे देश मे लॉक डाउन की घोषणा करते हुए ‘जो जहां है वही रहे’ का आदेश जारी कर दिया जिसके कारण लगभग 10 हज़ार जायरीन दरगाह परिधि में फंस गए जिनके सामने खाने पीने की सबसे बड़ी समस्या पैदा हो गई जिसे पूरा करने के लिए नगर पंचायत की तरफ से कम्युनिटी किचन शुरू हुआ हालाँकि उससे पहले से ही दरगाह इंतेजामिया कमेटी, पीरजादगाने इंतेजामिया कमेटी, डॉक्टर एसएम अली ट्रस्ट, पयामे हक, एआईएमआईएम, स्प्रिचुअल फाउंडेशन से नदीम भाई सहित ऑल इंडिया बज़्मे अशरफ़ की टीम लगातार भोजन पैकेट का वितरण कर रही है। ऑल इंडोय बज़्मे अशरफ की टीम की हौसला अफजाई करने पहुंचे बसखारी थानाध्यक्ष इंस्पेक्टर मनोज कुमार जरूरतमन्दों तक भोजन की पैकेट पहुंचाते समय स्वयं भावुक हो गए और कहा कि ऑल इंडिया बज़्मे अशरफ़ की पूरी टीम बिना भेदभाव के जिस श्रद्धा के साथ जायरीनों की सेवा कर रही है वो काफी सराहनीय कदम है।दरगाह किछौछा चौकी इंचार्ज अभय कुमार मौर्य ने भी ऑल इंडिया बज़्मे अशरफ के कार्यों की सरहाना करते हुए कहा कि लॉक डाउन के प्रथम दिन से लगातार दोनों समय डोर-टू-डोर भोजन पहुंचाना बहुत बड़ी बात है। भोजन ओएकेट के वितरण के दौरान सोशल डिस्टेंडिंग का पूरा ख्याल रखा जाता है। ऑल इंडिया बज़्मे अशरफ टीम के जिलानी खान, शब्बीर अहमद, रेहना कहना, गुफरान खान, साहिल, एराफ सिद्दीकी, रुस्तम कुरैशी आदि की मेहनत व सेवाओं को नज़र अंदाज़ नहीं कियाजा सकता है।