अम्बेडकरनगर: इस्लाम धर्म के अंतिम रसूल (ईश्वर के संदेशवाहक) हज़रत मोहम्मद साहब के जन्मोत्सव पर बुनकर नगरी टाण्डा में जमकर आतिशबाजियां हुई। शुक्रवार की भोर में आतिशबाजियां जला कर खुशियां मनाई गई। इस्लामिक कलैण्डर के अनुसार रबी अव्वल माह की 12 तारीख (सन 571) की भोर में हज़रत मोहम्मद साहब की दुनिया मे आमद (पैदाइश) हुई थी इसलिए 12 रबी अव्वल को जश्ने आमद रसूल मनाया जाता है। 12 रबी अव्वल (सन 632) की शाम में हज़रत मोहम्मद साहब ने इस दुनिया का त्याग किया था। 12 रबी अव्वल के अवसर पर इस्लाम धर्म मे अनुयायी खुशियां मनाते हैं और इस दिन जुलूसे मोहम्मदी भी निकाला जाता है लेकिन इस वर्ष वैश्विक महामारी कोरोना के कारण ऐतिहासिक जुलूस को स्थगित कर दिया गया है हालांकि अंतिम रसूल के जन्मोत्सव पर कुरआन ख्वानी व गरीबों में कपड़ा, फल, धन आदि वितरित कर खुशियां मनाई जा रही है और इधर कई वर्षों से भोर में आतिशबाजियां जला कर भी खुशियां प्रकट की जा रही है।