अम्बेडकरनगर जिला मजिस्ट्रेट के आदेश के बाद भी समाजवादी पार्टी भीम सेना ने प्रदर्शन करने का दावा किया है जिसको तैयारियाँ व प्रचार प्रसार काफी जोरशोर से चल रहा है।
नागरिकता संसोधन बिल के खिलाफ देश के विभिन्न भागों में हो रहे प्रदर्शन के दौरान भड़की हिंसा को देखते हुए जिला मजिस्ट्रेट राकेश कुमार सिंह ने मंगलवार को एक आदेश जारी कर जनपद में धरना, प्रदर्शन, जुलूस, जनसभा आदि पर रोक लगा दिया है। धारा 144 व शांति व्यवस्था का हवाला देते हुए तत्काल प्रभाव से जिला मजिस्ट्रेट ने आगामी 31 दिसम्बर तक सामूहिक आयोजनों पर रोक लगाई है।
जबकि दूसरी तरफ समाजवादी पार्टी व भीम सेना ने जिला मजिस्ट्रेट के आदेश को दरकिनार करते हुए अपने प्रदर्शन कार्यक्रमों का प्रचार प्रसार कर रहे हैं। सपा जिलाध्यक्ष एमएलसी हीरालाल यादव ने सूचना न्यूज़ से वार्ता करते हुए कहा कि आगामी 19 दिसम्बर को सरकार की जनविरोधी नीतियों के खिलाफ बड़ा प्रदर्शन करने की तैयारी हो रही है। उन्होंने कहा कि 19 अगस्त को पूरे जनपद के पदाधिकारी व कार्यकर्ता जिला कार्यालय से पदमार्च करते हुए कलेक्ट्रेट के पास स्थित बाबा साहेब की प्रतिमा के पास पहुंचेंगे।
ज़िला मजिस्ट्रेट के आदेश के सम्बंध में श्री हीरालाल ने कहा कि धरना प्रदर्शन सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष के आह्वान पर है जिसे किसी भी कीमत पर रोका नहीं जाएगा बल्कि प्रशासन की दमनकारी नीति का मुंह तोड़ जवाब देते हुए अब और बड़ा प्रदर्शन किया जाएगा।दूसरी तरफ भीम सेना द्वारा भी नागरिकता संसोधन बिल के खिलाफ आगामी 26 दिसम्बर को बाबा साहेब डॉक्टर भीमराव अंबेडकर की प्रतिमा के समक्ष धरना प्रदर्शन प्रस्तावित है तथा उक्त कार्यक्रम का सोशल मीडिया पर जमकर प्रचार प्रसार भी किया जा रहा है। सूचना न्यूज़ टीम ने भीम सेना के फैज़ाबाद मण्डल अध्यक्ष निखिल राव से बातचीत किया तो उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि धरना प्रदर्शन 26 दिसम्बर को 11 बजे कलेक्ट्रेट के पास स्थित डॉक्टर अम्बेडर प्रतिमा के वास प्रत्येक दशा में होगा। जिला मजिस्ट्रेट द्वारा रोक लगाने के आदेश की जानकारी देते हुए उनसे सवाल पूंछा गया तो उन्होंने कहा कि दमनकारी आदेश है जिसे वो नहीं मानते हैं।
बहरहाल जनपद की शांति व कानून व्यवस्था को ध्यान में रखते हुए जिला मजिस्ट्रेट ने धरना प्रदर्शन सभा आदि पर रोक तो लगा दिया है लेकिन सपा व भीम सेना उक्त आदेश को दरकिनार कर बड़े प्रदर्शन की तैयारी में जुटी हुई है और अब समय ही तय करेगा कि सपा व भीम सेना के आंदोलन से प्रशासन किस तरह निपटेगी।