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खूनी संघर्ष में घायल युवक की मौत के बाद भी खुले आम घूम रहे हैं आरोपी – आक्रोश

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अम्बेडकरनगर: जमीनी विवाद में जमकर हुई मारपीट में घायल युवक की इलाज़ के दौरान मृत्यु होने से पीड़ित परिजनों में आक्रोश बढ़ गया जिसके बाद शव को लेकर जाम लगाने जा रहे ग्रामीणों को काफी मुश्किल से थानाध्यक्ष ने समझा बुझा कर शांत कराते हुए आरोपियों को 24 घंटा में गिरफ्तार करने का आश्वासन दिया।
आपको बताते चलेंकि हंसवर थाना क्षेत्र के हरदासपुर में शुक्रवार को जमीनी विवाद को लेकर दो पक्षों में जमकर मारपीट हुई थी जिसमें अनीता पत्नी भागीरथी की एक आंख पर कुल्हाड़ी से गंभीर चोटें आई थी जबकि महेश व जितेंद्र पुत्र अयोध्या प्रसाद के शरीर पर भी कुल्हाड़ी से कई घाव लगे थे जिसमें महेश की हालत नाजुक थी। हंसवर पुलिस ने आरोपी रामजीत, मितईराम व रामप्रीत पुत्रगण रामबूझ, रामबूझ पुत्र बरसाती तथा सनीदेवल पुत्र राम प्रीत के खिलाफ मुकदमा संख्या 117/20 पर धारा 147, 323, 324, 504, 308 व 188 के तहत शनिवार को मुकदमा पंजीकृत कर लिया था। मुकदमा पंजीकृत करने के बाद आरोपियों की गिरफ्तारी ना किये जाने से वादीगण में आक्रोश चल ही रहा था कि गंभीर रूप से घायल महेश पुत्र अयोध्या प्रसाद की जिला अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हो गई। रविवार को आक्रोशित परिजनों व ग्रामीणों ने शव को हरदासपुर में रखकर जाम लगाने का प्रयास किया मगर मौके पर पहुंचे थानाध्यक्ष प्रदीप सिंह ने 24 घंटा में आरोपियों को गिरफ्तार करने का आश्वासन देते हुए शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। भागीरथी द्वारा दर्ज कराए गए मुकदमे के अनुसार आरोपी गण पीड़ित के घर के पास घात लगा कर बैठे हुए थे और जैसे ही खेत से वापस लौटा तो विपक्षी गणों ने एक जुट होकर लाठी डंडे, कुल्हाड़ी व धारदार हथियारों से हमलावर हो गए। बचाओ के लिए पहुंची भागीरथी की पत्नी अनीता व भाई महेश, जितेंद्र को गंभीर चोटें आई जिसमें इलाज़ के दौरान जितेंद्र की मृत्यु हो गई जबकि भागीरथी की हालत भी नाजुक बताई जा रही है लेकिन पुलिस की गिरफ्त से आरोपीगण फरार चल रहे हैं। पीड़ित परिजनों ने पुलिस के मूकदर्शक कार्यवाही पर काफी असन्तोष व्यक्त किया है हालांकि मार्ग जाम के आरएस के बाद थानाध्यक्ष ने आरोपियों को गिरफ्तार करने के लिए पीड़ित पक्ष से 24 घंटा का समय मांगा है, अब देखना ये होगा कि पुलिस अपने दावे के अनुसार 24 घंटा में आरोपियों को गिरफ्तार करने में सफल होती है अथवा पुलिस को चकमा देकर आरोपीगण न्यायालय में समर्पण कर्म में सफल होते हैं।
बहरहाल जमीनी विवाद में हुए खूनी संघर्ष के बाद एक युवक की मौत हो चुकी ह अजबकी अन्य घायल जिंदगी व मौत के बीच जूझ रहे हैं लेकिन आरोपीगण पुलिस के शिकंजे से दूर निकल चुके हैं हालांकि एक दो दिन में पुलिस के दावों की पोल स्वयं खुल ही जाएगी।

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