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कद्दावर सपा नेता व सामाजिक कार्यकर्ता मो.एबाद ने शुरू किया बड़ा अभियान, पदयात्रा का एलान

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विशेष रूप से मुस्लिम समाज मे फैली सामजिक कुरीतियों के खिलाफ मो.एबाद 15 दिसम्बर से निकलेंगे जागरूकता पदयात्र अभियान

अम्बेडकरनगर: समाजवादी पार्टी के कद्दावर नेता मुलायम सिंह यूथ ब्रिगेड के प्रदेश अध्यक्ष रह चुके समाजसेवी मो.एबाद ने सामाजिक कुरीतियों के खिलाफ एक बड़ा अभियान शुरू करने का एलान किया तो उनको देश के कोने-कोने से समर्थन मिलना भी शुरू हो गया। श्री एबाद ने ‘बेजा रस्म हटाओ, राहत पाओ’ का नारा देते हुए पदयात्रा का एलान कर दिया है जिसकी तैयारियां काफी जोरशोर से शुरू हो चुकी है।


सम्मनपुर थानाक्षेत्र के कटघर कमाल निवासी मो.एबाद पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के काफी करीबी माने जाते हैं और अपने व्यवहार से युवाओं के बीच काफी लोकप्रियता भी हासिल कर चुके हैं। साफ सुथरी क्षवि को बरकरार रखने वाले श्री एबाद सामाजिक रूप से भी कार्य करते नज़र आते हैं। सामाजिक कुरीतियों को लेकर चिंतित मो.एबाद ने शादी विवाह, जम्म व मृत्यु के अवसरों पर अनावश्यक दिखावे वाली रस्मों के खिलाफ विशेष अभियान की शुरुआत कर चुके हैं। श्री एबाद का मानना है कि समाज मे फैली परम्पराओ व बेजा रस्मों के कारण सिर्फ संसाधनों की बर्बाद नहीं होती है बल्कि समाज का एक बड़ा तबका आर्थिक व मानसिक बोझ को झेलने पर मजबूर है और अनावश्यक सामाजिक रस्मों के निर्वाह के लिए कर्ज भी लेता है। उक्त सामाजिक रस्मों व कुरीतियों के खिलाफ कटघर कमाल गाँव से आगामी 15 दिसम्बर को मो.एबाद के नेतृत्व में सामाजिक जनजागरूकता पदयात्रा की शुरुआत होगी। रविवार को सुल्तान गढ़, दाऊदपुर, सम्मनपुर, मछली गाँव, गोमनपुर, शरीफ पुर, बड़ेपुर, कटघर मूसा तथा सोमवार को हजपुरा, अमरतल, दरगाह शाह रमज़ान, कजपुरा, रसूलपुर, कादीपुर में पदयात्रा होगी। श्री एबाद का दावा है कि राष्ट्रीय स्तर के अभियान की उक्त पदयात्रा पूरे जनपद में विशेष रूप से मुस्लिम आबादी वाले गाँव व नगर को टच करेगी। श्री एबाद उक्त पदयात्र के माध्यम से शिक्षा स्तर व व्यापार को बढ़ावा देने के प्रति आम जनों को जागरूक करेंगे तथा विशेष रूप से मुस्लिम समाज के मृतकों के यहां अलग अलग आयोजन पर खाना खाने की रस्म पर रोक लगाने का प्रयास करेंगे। श्री एबाद के उक्त अभियान को देश के विभिन्न क्षेत्रों से समर्थन मिलना शुरू हो गया है। बताते चलेंकि इस्लाम धर्म में “अहले मुसीबत (मृतकों) के यहां खाना खाना मकरूह और जाहिलियत वाला काम है और उनके घर पर खाना भेजना सुन्नत है।” परंतु आजकल मृतकों के यहां कई आयोजन की रस्म चल रही है जिसमें शादी की तरह खाना खिलाया जाता है और उक्त रस्म के कारण बहुत से परिवार कर्ज़ के बोझ में दबते जा रहे हैं और शिक्षा व व्यापार से दूर होते जा रहे हैं। उक्त कुरीतियों के खिलाफ सपा नेता व सामाजिक कार्यकर्ता मो.एबाद द्वारा शुरू किये गए विशेष जागरूकता अभियान की चारों तरफ सरहना हो रही है।

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