अम्बेडकरनगर: घाघरा नदी का जलस्तर काफी तेजी से बढ़ रहा है जिसके कारण मांझा के कछार एवं नदी के किनारे रहने वालों में भय का माहौल बन गया है और अपनी गृहस्थी बचाने की जुगत में जुट गए हैं। टांडा तहसील क्षेत्र के अवसानपुर, सलोना घाट, ढेलमऊ, कटरिया, नैपुरा शाहपुर, माहवारी, करमपुर बरसावां आदि गाँव में घाघरा का पानी छप्परनुमा घरों में घुसने लगा है। पानी की बढ़ती रफ्तार से ग्रामीणों के माथों पर पसीना दिखाई दे रहा है। संभावित नुकसान से बचने के लिए ग्रामीण पशुधन व दैनिक उपयोग के सामानों को बचाने की जुगत में जुटे हुए हैं।घाघरा नदी के किनारे वाले कई स्थानों पर आवागमन के लिए बने कच्चे रास्ते पानी मे डूब चुके हैं जिससे ग्रामीण भयभीत नज़र आ रहे हैं। अवसानपुर क्षेत्र वासियों के दावा है कि क्षेत्रीय लेखपाल द्वारा नदी के किनारे खड़े होकर फ़ोटो खिंचावा कर अपनी ड्यूटी पूरी कर ली जा रही है और उच्च अधिकारियों को वास्तविक स्थिति से भी अवगत नहीं कराया ज रहा है।
टांडा उप जिलाधिकारी मोहनलाल गुप्ता का दावा है कि फिलहाल स्थिति सामान्य है और नज़र रखी जा रही है। फिलहाल बाढ़ चौकी अथवा राहत शिविर के सम्बंध कोई सूचना नहीं दी गया है। काफी संख्या में ग्रामीणों द्वारा राहत शिविर के सम्बंध में पूंछतांछ की जा रही है परंतु प्रशासन द्वारा अभी उक्त मामले पर कोई जवाब नहीं दिया जा रहा है।
बताते चलेंकि कटेहरी विधान सभा क्षेत्र में उपचुमाव हो रहा है जिसको लेकर सत्ता पक्ष काफी गंभीर है और छोटे छोटे मामलों को भी काफी गंभीरता से ले रही है। सूबे के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी कटेहरी सीट को लेकर काफी चिंतित हैं जिसके कारण ताबड़तोड़ कई बार जनपद आगमन भी हुआ। उक्त सभी गाँव भी कटेहरी विधान सभा क्षेत्र में आते हैं लेकिन घाघरा के बढ़ते पानी से बचने का फिलहाल कोई इंतेज़ाम नहीं किया गया है जिससे आगामी उप चुनाव भी प्रभावित हो सकता है और समय से मांझा के कछार एवं घाघरा के किनारे रहने वालों को मदद नहीं मिली तो कोई बड़ी घटना भी घट सकती है जिसको लेकर ग्रामीणों सहित समाजसेवियों में भी चिंता देखी जा रही है।