उत्तर प्रदेश में सक्रिय सभी राजनीतिक पार्टियों सहित निर्दलीय विधायक भी रह चुके शेर बहादुर सिंह ने 85 वर्ष की आयु प्राप्त कर रविवार की तड़के लोहिया अस्पताल में उन्होंने अंतिम साँस लिया। श्री बहादुर के पार्थिक शरीर को उनके पैतृक आवास पर लाया जा रहा है जिनका अंतिम संस्कार सोमवार को किया जाएगा।
जलालपुर के कन्नुपुर निवासी 85 वर्षीय पूर्व विधायक शेर बहादुर सिंह का नाम लिए बिना जलालपुर विधान सभा की राजनीति पर चर्चा समाप्त नहीं कि जा सकती है। श्री बहादुर काफी दिनों से अस्वस्थ चल रहे थे जिनका प्रदेश मुख्यालय पर स्थित प्रसिद्ध लोहिया अस्पताल में सघन इलाज़ चल रहा था जहां रविवार की सुबह लगभग 06 बजे उन्होंने अपना देहत्याग दिया। श्री बहादुर सर्वप्रथान 1980 में कांग्रेस पार्टी से जलालपुर विधान सभा क्षेत्र से विधायक चुने गए थे तथा 1985 में उन्होंने निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में अपना दबदबा कायम रखते हुए विधायक बने जबकि 1989, 1991 व 1993 में कांग्रेस प्रत्याशी के रूप में राम लखन वर्मा ने उन्हें पराजित किया था लेकिन 1996 में पुनः भाजपा के बैनर पर विधायक निर्वाचित हुए। इसी तरह तरह 2007 में बहुजन समाज पार्टी व 2012 में समाजवादी पार्टी के टिकट पर विधायक चुने गए। श्री बहादुर अपने जीवन मे पांच बार विधायक रहे तथा विशेष बात ये रही कि वो जब-जब जिस पार्टी से विधायक रहे तब-तब उसी पार्टी की सरकार भी रही। उनके बड़े पुत्र राजेश सिंह भाजपा की सक्रिय राजनीति में हैं जिन्होंने गत विधान सभा चुनाव भाजपा प्रत्याशी के रूप में लड़ा था जबकि दूसरे छोटे पुत्र बृजेश सिंह हैं। श्री शेर बहादुर सिंह का समाजसेवा में काफी योगदान रहा है जिसके कारण सभी समुदायों में उनकी पकड़ काफी मजबूत मानी जाती थी और इसी कारण ही उन्होंने कांग्रेस व भाजपा ही नहीं बल्कि सपा बसपा व निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में विधायक निर्वाचित हुए थे। चर्चा है कि श्री बहादुर सिंह का नाम लिए बिना जलालपुर विधान सभा की राजनीति पर चर्चा को समाप्त ही नहीं किया जा सकता है। पूर्व विधायक शेर बहादुर सिंह के निधन के समाचार जंगल मे भग की तरह फैल गया जिसे पूरे जनपद में शोक की लहर दौड़ गई तथा शोक संवेदना प्रकट करने का सिलसिला भी जारी हो गया। प्राप्त सूचना के अनुसार पूर्व विधायक श्री सिंह का पार्थिक शरीर उनके पैतृक आवास कन्नुपुर जलालपुर के लिए लखनऊ से लाया जा रहा है जिनका अंतिम संस्कार सोमवार को प्रातः 10 बजे महादेवा घाट टाण्डा में किया जाएगा।