अम्बेडकरनगर: उत्तर प्रदेश सरकार के अपर मुख्य सचिव ने शासनादेश जारी करते हुए बुनकरों को नए शासनादेश में बड़ी राहत देने का काम किया है लेकिन फ्लैट रेट व्यवस्था समाप्ति से बुनकर प्रतिनिधियों में आक्रोश व्याप्त है जिसके कारण काफी संख्या में बुनकरों ने पॉवर लूमों का चक्का जाम कर दिया है।
उत्तर प्रदेश बुनकर सभा के बैनर पर प्रदेश के बुनकरों ने फ्लैट रेट बिजली व्यवस्था को बहाल करने की मांगों को लेकर 15 अक्टूबर से अनिश्चित कालीन हड़ताल शुरू कर दिया है हालांकि प्रदेश के अपर मुख्य सचिव रमा रमण ने पत्र जारी करते हुए स्पष्ट कर दिया कि गत दिनों सरकार व बुनकर प्रतिनिधियों के बीच हुई वार्ता के क्रम में 04 दिसम्बर 2019 को जारी शासनादेश 01 जनवरी 2020 के स्थान पर 01 अगस्त 2020 से लागू होगा अर्थात बुनकरों को मिलने वाले बिजली सप्लाई मीटर रीडिंग व्यवस्था के अनुसार 01 अगस्त 2020 से लागू होगा। उत्तर प्रदेश बुनकर सभा के अध्यक्ष हाजी इफ्तेखार अहमद अंसारी ने कहा कि सरकार ने एक तरफ बुनकर समाज को 07 माह के लिए फ्लैट रेट व्यवस्था की सुविधा बढा दिया तो दूसरी तरफ 01 जनवरी 2020 से लागू होने वाली मीटर रीडिंग व्यवस्था को भी 01 अगस्त से लागू कर दिया जबकि मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया था कि 01 अगस्त 2020 से बुनकरों के लिए नई नीति (स्कीम) बना कर पूर्व स्कीम से बेहतर व्यवस्था की जाएगी। बुनकर नेता शकील अहमद अंसारी ने जारी शासनादेश पर आपत्ति जताते हुए कहा कि सरकार बुनकरों के साथ खुला धोखा कर रही है। उन्होंने कहा कि बुनकर समाज मीटर रीडिंग व्यवस्था किसी भी दशा में स्वीकार नहीं किया जाएगा।
बुनकर एकता विकास समिति के अध्यक्ष हाजी कासिम अंसारी ने कहा कि मौजूदा हड़ताल के पक्ष में नहीं है क्योंकि सरकार ने अपना पहला वादा पूरा करते हुए 07 माह तक फ्लैट रेट की सुविधा दिया है और नई योजना बनाने के लिए बुनकर प्रतिनिधियों को वार्ता के लिए आमंत्रित भी कर रही है और उम्मीद है कि आने वाले समय में बुनकरों को प्रदेश सरकार बड़ी राहत देने का काम करेगी इसलिए मौजूदा समय में हड़ताल कर सिर्फ गरीब मज़दूर बुनकरों का नुकसान ही किया जा रहा है।
बुनकरों के उत्थान के लिए सामाजिक कार्य कर रहे ताना बाना फाउंडेशन के अध्यक्ष ज़फर आलम ने कहा कि हड़ताल होने या ना होने से उनकी संस्था का कोई नाता नहीं है लेकिन अगर हड़ताल हुई तो उस दौरान गरीब बुनकरों के लिए रसद का इंतज़ाम ताना बाना फाउंडेशन अवश्य करेगी।
उत्तर प्रदेश बुनकर संघर्ष समिति के संयोजक सगीर बज्मी ने शासनादेश की सराहना करते हुए कहा कि 03 सितंबर को लखबऊ में हुई बैठक में जो तय हुआ था कि सरकार ने उसे शत प्रतिशत पूरा करने का काम किया है और अब पुनः प्रतिनिधियों को शासन से अपनी मांग रखनी चाहिए थी और जब सरकार बुनकर प्रतिनिधियों की बातों को दरकिनार करती तो फिर आंदोलन की तरफ कदम बढ़ाना उचित होता।
उत्तर प्रदेश बुनकर सभा के आह्वान पर गुरुवार को शुरू हुई प्रदेश स्तरीय अनिश्चित कालीन हड़ताल के प्रथम दिन मिला जुला असर रहा लेकिन कई क्षेत्रों में पूरी तरह बंदी नज़र आई जबकि कई क्षेत्र में बंदी का तनिक असर ही नहीं दिखाई दिया। बुनकर सभा के अध्यक्ष श्री इफ्तेखार ने दावा किया कि दो तीन दिन में ही प्रदेश स्तरीय बैठक होगी जिसमें आंदोलन को धार देने की नीतियों पर विधवत चर्चा की जाएगा फिलहाल पॉवर लूम सहित सभी मशीनें बन्द रहेगी लेकिन शनिवार को लगने वाले साप्ताहिक बाज़ार (हक्कानी हाट) आदि को फिलहाल बंदी से बाहर रखा गया है।
विद्युत छूट सम्बन्धित शासनादेश जारी होने से भी बुनकरों में आक्रोश – जानिए कारण
