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बेमौसम बरसात से किसानों के माथों पर आया पसीना

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बलिया (नवल जी) चैत महिने में आकस्मिक वर्षा से किसानों के होश उड़ गए हैं। किसान और भगवान के रिस्तें में आई खटास से इस वर्ष रबि के उत्पादन में कमी आने की संभावना बढ़ गयी है। मार्च महीने का मौसमी बदलाव पूर्णतया खेती किसानी के प्रतिकूल है। उक्त बातें गंगा तटीय कंशपुर दियारे में किसान रामेश्वर यादव के आवास पर खेती पर वर्षा के असर का आकलन के क्रम में की गई वार्ता के पश्चात गंगा मुक्ति एवं प्रदूषण विरोधी अभियान के राष्ट्रीय प्रभारी रमाशंकर तिवारी ने शुक्रवार को कही। कहा कि वर्षा से हुई अपनी खेती के खस्ताहाल हाल से किसान टूट गए हैं। किसानी की ऐसी दुर्गति ऐतिहासिक है। श्री तिवारी ने केंद्र व प्रदेश सरकार से किसानों को फसल की हुई हानि का मुआवजा देने की मांग किया है। आशंका जाहिर की है कि यदि मौसम कृषि के अनुकूल अब भी नहीं हुआ तो जनपद के किसान भूखमरी के चपेट में आएंगे। इस अवसर पर किसान राजनाथ यादव, रामेश्वर यादव, कन्हैया मिश्र, उमाशंकर यादव तथा बब्बन यादव सहित कई किसान उपस्थित रहें।

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