अम्बेडकरनगर (सूचना न्यूज़ कार्यालय) शब-ए-बारात के मुकर पर बीती रात्रि मुस्लिम समुदाय ने पूरी रात्रि इबादत किया तथा दरगाहों व कब्रिस्तानों पर फ़ातिहा पढ़ने के लिए काफी भीड़ नज़र आई। शनिवार को अधिकांश मुस्लिम समुदाय द्वारा रोजा रखा गया है।
इस्लामिक कैलेंडर के शाबान माह की 14 व 15 की रात्रि में शब-ए-बारात मनाई जाती है। शब का अर्थ होता है रात्रि व बारात का अर्थ होता है बरी (मुक्ति) होना। अर्थात शब-ए-बारात का अर्थ है कि “मुक्ति वाली रात्रि”। मुस्लिम समुदाय में शब-ए-बारात काफी महत्वपूर्ण पर्व है और माना जाता है कि इस रात्रि अल्लाह (ईश्वर) की रहमते बरसती है और लोग दुआएं मांगते हुए अपने गुनाहों से तौबा (क्षमा की प्रार्थना) की जाती है। इस पर्व पर चना व सूजी का हलवा विशेष पकवान होता है तथा महिलाएं जहां घरों में इबादत करते हैं वहीं पुरुष मस्जिदों में इबादत करते हैं और दरगाहों व कब्रिस्तानों में फ़ातिहा पढ़ने जाते हैं। ऐसी मान्यता है कि इस रात्रि में पूरे वर्ष पैदा व मृत्यु होने वालों का फैसला होता है।
जनपद में शुक्रवार को जहां होली पर्व काफी हर्षोउल्लास के साथ मनाया गया वहीं शुक्रवार की शाम से शनिवार की सुबह पर शब-ए-बारात भी शांतिपूर्ण ढंग से मनाई गई। इस दौरान प्रशासन काफी सतर्क नज़र आया और जगह जगह पुलिस बल तैनात किया गया था। दरगाहों पर काफी भीड़ नज़र आई तथा टांडा नगर क्षेत्र में पूरी चहल पहल रही। परम्परानुसार अधिकांश मुस्लिम समुदाय के लोगों द्वारा आज अर्थात शनिवार को रोजा रखा गया है।