टाण्डा एसडीएम के औचक निरीक्षण में पशु आश्रय स्थल के सम्बन्ध में विकास खण्ड टाण्डा के सचिव का झूठ पकड़ा गया। मंगलवार को जिला मुख्यालय पर हुई बैठक में टाण्डा ब्लाक के सचिव अरुण चतुर्वेदी ने अपनी रिपोर्ट में दावा किया था कि विकास खण्ड द्वार भड़सारी में संचालित पशु आश्रय स्थल में भूसा सहित पशु आहार, चूनी चोकर मौजूद है और पशुओं को प्रचुर मात्रा में पशु आहार तथा चूनी चोकर के साथ भूसा खिलाया जा रहा है। उप जिलाधिकारी महेंद्र पाल सिंह ने आज भड़सारी में संचालित पशु आश्रय स्थल का औचक निरीक्षण किया तो ब्लाक सचिव का झूठ खुल कर सामने आ गया। पशु आश्रय स्थल में दो-तीन दिनों से पशु आहार व चूनी चोकर उपलब्ध ना होने के कारण पशुओं को मात्र भूसा ही खिलाया जा रहा है।उप जिलाधिकारी श्री सिंह ने नाराजगी प्रकट करते हुए विकास खंड के अधिकारियों को तत्काल पशु आहार व चूनी चोकर उपलब्ध कराने का निर्देश दिया। निरीक्षण के दौरान श्री सिंह को 11 सफाई कर्मी व 145 पशु मौजूद मिले जिनमें से एक नर पशु का इलाज भी चल रहा है। कर्मचारियों के पास कम्बल तक मौजूद ना होने पर नाराजगी प्रकट करते हुए कर्मचारियों के रात्रि विश्राम के लिए कमरों का निर्माण कराने का निर्देश दिया तथा लगभग 700 मीटर तक बांस बल्ली के सहारे बिजली के तार लाए जाने की समस्या के समाधान के लिए अविलम्भ पोल (खंबा) लगवाने के निर्देश दिया।विकास खंड टाण्डा द्वारा भड़सारी में संचालित पशु आश्रय स्थल का उप जिलाधिकारी महेंद्र पाल सिंह ने औचक निरीक्षण कर अपनी रिपोर्ट उच्च अधिकारियों को भेजते हुए स्पष्ट किया कि दो तीन दिनों से बिना पशु आहार व चूनी चोकर के ही पशुओं को सिर्फ भूसा खिलाया जा रहा है जिससे ब्लाक स्तरीय अधिकारियों के दावों की पोल खुल कर सामने आ गई। अब देखना ये होगा कि झूठ बोल कर उच्च अधिकारियों को भ्रमित करने वालों पर उच्च अधिकारी कैसे नकेल कसते हैं।