आखिर कहां गया 06 माह में पैसा डबल करने वाला ग्रुप – करोड़ों का चेक लेकर घूम रहे हैं निवेशक

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परिजनों के अनुसार रहस्यमय ढंग से लापता हो गया है दानिश – दिल्ली में दर्ज कराई है गुमशुदगी – हक़ीक़त जानने के लिए निवेशक परेशान लेकिन नहीं मिल रहा है कोई माकूल जवाब

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अम्बेडकरनगर (रिपोर्ट: आलम खान – एडिटरइन चीफ/मान्यता प्राप्त पत्रकार) लालच बुरी बला है वाली कहावत औद्योगिक नगरी टाण्डा में पुनः चरितार्थ हुई। मात्र 06 माह में पैसा डबल करने का लालच देने वाला गिरोह का खेल आखिरकार चंद माह में ही समाप्त होता नजर आने लगा है। सैकड़ों निवेशक चेक लेकर दरबदर भटकते नज़र आ रहे हैं लेकिन कोई माकूल जवाब देने वाला नहीं है। चर्चा है कि पुलिस विभाग को इस पूरे खेल की जानकारी थी लेकिन समय रहते इस गिरोह पर कोई कार्यवाही नहीं की गई जिसका खामियाज़ा भुगतने पर लोग मजबूर हैं।

ऑनलाईन ट्रेडिंग के नाम पर धन को 06 माह में डबल करने एवं मंहगे दामों में कपड़ा, गमछा व स्टाल आदि की खरीदारी करने वाले गिरोह पर अरबों रुपया लेकर फरार होने का शक है हालांकि उसके परिजनों का कहना है कि उनका बेटा दिल्ली के एक होटल से रहस्यमय ढंग से लापता हो गया जिसकी गुमशुदगी दिल्ली के जामा मस्जिद थाना में दर्ज करा कर उसकी तलाश की जा रही है।
बताते चलेंकि टाण्डा कोतवाली के नगर क्षेत्र नैपुरा नई बस्ती में पैसा डबल करने का खेल विगत कई माह से जारी था। सकरावल शिया टोला निवासी दानिश कमर व ताबिश कमर पुत्रगण जमशेद द्वारा नैपुरा में नवनिर्मित भवन से पैसा डबल व मंहगे दामों में कपड़ों की खरीदारी का खेल कर रहे थे। दोनों सगे दानिश कमर व ताबिश कमर द्वारा एक लाख जमा करा कर प्रतिमाह 16 हज़ार रुपया दिया जाता था तथा पैसा लगवाने वालों में 04 हज़ार अलग से बांटा जाता था अर्थात एक लाख रुपया पर प्रतिमाह 20 हज़ार रुपए वितरण किया जाता था तथा ऑनलाइन ट्रेडिंग की बात कर के लोगों को अपने झांसे में फंसाया जाता था। पैसा डबल करने की योजना के अलावा औद्योगिक बुनकर नगरी टाण्डा में तैयार होने वाले विभिन्न प्रकार के कपड़ों को बाजार की कीमत से अधिक महंगे दामों में खरीदा भी जाता था और निवेशकों को ताबिश कमर द्वारा एचडीएफसी बैंक का चेक भी दिया जाता था। फरवरी माह में अचानक निवेशकों की धन वापसी पर रोक लगा दिया गया तो निवेशक लगातार उनके घर पर पहुंचने लगे जिसके बाद ताबिश कमर द्वारा बताया गया कि उसका भाई दानिश कमर दिल्ली से रहस्यमय ढंग से लापता हो गया है। ताबिश कमर द्वारा दिल्ली जामा मस्जिद थाना में दानिश कमर की गुमशुदगी भी दर्ज कराई गई लेकिन ताबिश कमर का भी मोबाइल बन्द होने से निवेशकों व माल बिक्री करने वालों में हड़कंप मच गया।
चर्चा है कि पुलिस टीम को उक्त क्रियाकलापों की विधिवत जानकारी थी लेकिन कुछ पुलिस कर्मी उक्त गिरोह संचालक के संपर्क में थे जिसके कारण कोई ठोस कार्यवाही नहीं हो सकी।
दानिश व ताबिश की पैसा डबल योजना व कपड़ा खरीदारी में टाण्डा ही नहीं बल्कि कई जनपदों के संभ्रांत लोगों की भारी रकम दांव पर लगी है। दानिश व ताबिश के घर पर लगातार निवेशकों का आना जाना लगा हुआ है लेकिन समुचित जवाब ना मिलने से निवेशकों में बेचैनी बढ़ गई है और अरबों रुपये लेकर फरार होने की चर्चाएं पूरे क्षेत्र में हो रही है हालांकि समाचार लिखे जाने तक किसी निवेशक द्वारा लिखित शिकायत नहीं कि गई है क्योंकि दानिश व ताबिश के आवास पर मौजूद उसके सहयोगी ज़िया, चाँद, अर्सलान, मुर्सलीन आदि निवेशकों को संतुष्ट करने में लगे हुए है जिससे निवेशक अपनी रकम वापसी की उम्मीद भी कर रहे हैं। अर्सलान ने बताया कि वो 08 हज़ार माहवारी पर काम करता है उसे अधिक जानकारी नहीं पता है। दानिश के गुमशुदा होने की घटना को निवेशक पचा नहीं पा रहे हैं और इसे भी खेल का एक हिस्सा माना जा रहा है।
बहरहाल कम समय में अधिक मुनाफा का लालच दिखा कर करोड़ों अरबों लेकर चम्पत होने की टाण्डा में पहली घटना नहीं है लेकिन फिर भी लोग लालच में आकर फंस ही जाते हैं। अब देखने वाली बात होगी कि दानिश की गुमशुदगी की हकीकत क्या है और निवेशकों के पैसों की वापसी कब और कैसे होगी। उक्त मामले की क्षेत्र में खूब चर्चाएं हो रही है।

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