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लखनऊ/अम्बेडकरनगर: (रिपोर्ट: आलम खान – एडिटर इन चीफ/मान्यता प्राप्त पत्रकार) समाजवादी पार्टी के संस्थापक दिवंगत मुलायम सिंह यादव द्वारा अपने शासनकाल के दौरान 2006 में बुनकरों के शोषण व विभागीय उत्पीडन को रोकने एवं उनके उत्थान के लिए फ्लैट रेट बिजली सप्लाई की व्यवस्था शुरू की गई थी लेकिन प्रदेश में भाजपा सरकार आते ही फ्लैट रेट व्यवस्था पर खतरा मंडराने लगा था और 04 दिसंबर 2019 को प्रदेश सरकार द्वारा फ्लैट रेट व्यवस्था बन्द करने की घोषणा कर दी गई जिससे बुनकरों में हड़कंप मच गया।

फ्लैट रेट समाप्ति आदेश पर बुनकर बाहुल्य क्षेत्रों से लेकर लखनऊ तक भागदौड़ तेज़ हो गई। डेढ़ दशक तक 65 रुपये प्रति पॉवर लूम की दर पर बिजली की सुविधा लेने वालों में बड़ी संख्या में गरीब बुनकर भी शामिल हैं जिनकी जीविका मात्र पॉवर लूमों पर ही आधारित है उनके समक्ष बड़ी समस्या पैदा हो गई।
बुनकरों ने वाराणसी के वरिष्ठ भाजपा नेता व एमएलसी अशोक धवन के माध्यम से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से कई चक्र वार्ता कर फ्लैट रेट व्यवस्था को बमुश्किल जुलाई 2020 तक बहाल किया जिस सम्बन्ध ने अपर मुख्य सचिव नवनीत सहगल ने 03 फरवरी 2021 को पत्र संख्या 667 पर आदेश जारी करते हुए 01 जुलाई 2020 से 04 दिसंबर 2019 के आदेश लागू करने को कहा।
बुनकर बाहुल्य क्षेत्रों के बुनकरों की लगातार प्रदेश मुख्यालय पर बैठकें हुई और सम्बन्धित अधिकारियों व मंत्रियों से वार्ता हुई लेकिन नतीजा शून्य ही नज़र आया और उसके बाद फ्लैट रेट व्यबस्था को आगे बढ़ाने सम्बन्धित अभी तक कोई आदेश नहीं आया।
प्रदेश सरकार ने कई मंडलों में पांच पांच करोड़ रुपये की धनराशि निर्गत करते हुए डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (D.B.T) प्रणाली लागू करने के सम्बन्ध में आदेश जारी किया तो बुनकरों को फ्लैट रेट व्यवस्था समाप्त होती साफ नजर आई लेकिन बुनकर नेताओं ने खामोशी अपना लिया।
मध्यांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड द्वारा 23 फरवरी 2023 को जारी पत्र संख्या 776 जो लखनऊ क्षेत्र, अयोध्या क्षेत्र, देवीपाटन क्षेत्र व बरेली क्षेत्र के मुख्य अभियंता वितरण को भी निर्देशित किया कि हथकरघा बुनकरों को 2022-23 के विद्युत दर में छूट के प्रतिपूर्ति योजना के लिए अलग-अलग पांच पांच करोड़ रुपया स्वीकृत किया गया है जो हथकरघा बुनकरों के बैंक खातों में डीबीटी के माध्यम से भेजा जाए।
उक्त पत्र से स्पष्ट नज़र आने लगा है कि बुनकर समाज फ्लैट रेट बहाली की जंग हार चुका है और अब बुनकरों के उत्थान के लिए सरकार डीबीटी के तहत सीधा लाभ बुनकरों तक पहुंचाने की दिशा में काम कर रही है।
बुनकरों की लड़ाई लड़ रहे नेताओं द्वारा उक्त प्रकाण पर फिलहाल चुप्पी साध ली गई है हालांकि दबी जुबान में कहते हैं कि हथकरघा विभाग के पास बुनकरों का कोई सही आंकड़ा ही मौजूद नहीं है जिसके कारण गरीब बुनकरों को सीधा लाभ मिलना मुश्किल है हालांकि बड़े उद्योगपतियों को इसका लाभ अवश्य मिल जाएगा। लखनऊ से मिली जानकारी के अनुसार सरकार द्वारा डीबीटी योजना को मात्र 05 वर्ष के लिए लागू को जा रही है जो पांच वर्ष बाद स्वतः समाप्त हो जाएगी हालांकि इस बाद का फिलहाल कोई लिखित प्रमाण नहीं मिल सका है।

उत्तर प्रदेश बुनकर सभा के अध्यक्ष हाजी इफ्तेखार अहमद अंसारी ने दावा किया कि शासन से बुनकरों के फ्लैट रेट बेहाल करने की की वार्ता जारी है। उन्होंने कहा कि उक्त आदेश हथकरघा लूमों के लिए है जिसमे प्रत्येक वर्ष 3960 रुपया हथकरघा बुनकरों के खाते में भेजता है जो बल्ब आदि वह अपने हथकरघा पर इस्तेमाल करते हैं। हथकरघा बुनकरों को एक किश्त दी जा चुकी है शेष मार्च माह में दी जाएगी। श्री इफ्तेखार ने बताया कि इस सम्बंध में मेरी अधिशासी अभियंता से बात हो चुकी है। टांडा में मेरी जानकारी में कोई भी हथकरघा उपभोक्ता नहीं है।

बहरहाल 2006 से एक ही रेट पर लगातार डेढ़ दशक तक बिजली बिलों में छूट का भारी लाभ उठाने वाले बुनकर समाज के सामने अब बिजली विभाग सबसे बड़ी मुसीबत बन कर सामने आया है क्योंकि फ्लैट रेट समाप्त होने से बुनकरों के कारखानों पर बिजली विभाग का हस्तक्षेप बढ़ जाएगा और बुनकर नेताओं को भी है कि जांच के नाम पर विभाग बुनकरों का शोषण व उत्पीडन कर 2006 से पहले की तरह अवैध धन उगाही करने लगेंगे जिससे कपड़ा बुनाई उद्योग काफी प्रभावित हो सकता है जिसको लेकर पूरा बुनकर समाज काफी चिंतित नज़र आ रहा है हालांकि बुनकर नेता दावा कर रहे हैं फ्लैट रेट व्यवस्था बहाल करने की वार्ता जारी है।

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