अम्बेडकरनगर: बहराइच स्थित दरगाह सैय्यद मसूद गाज़ी को गाज़ी सरकार व गाज़ी बाबा आदि नामों से जाना पहचाना जाता है और गाज़ी बाबा में आस्था रखने वालों में मुस्लिमों से तनिक कम हिंदी समुदाय के लोग भी नहीं हैं। बहराइच को हिन्दू मुस्लिम एकता का प्रतीक माना जाता रहा है लेकिन अचानक बहराइच को नज़र लग गई और गत दिनों प्रतिमा विसर्जन के दौरान हरदी थाना क्षेत्र के महराजगंज बाजार में जमकर हिंसा हुई थी।
उक्त घटना के बाद आरोपियों के खिलाफ सरकार बुल्डोजर एक्शन पर आ गई और पीडब्लूडी के माध्यम से 23 घरों को 03 दिन की नोटिस दे कर जवाब तलब किया। डरे सहमे लोग घरों से बचा हुआ सामान बाहर निकलने लगे। इस बीच सुप्रीम कोर्ट व हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई। रविवार शाम को सुनवाई करते हुए लखनऊ हाईकोर्ट ने सरकार से तीन दिन में पक्ष रखने का निर्देश दिया है। वहीं बुलडोजर की कार्रवाई पर 15 दिन के लिए रोक लगा दी है।प्राप्त जानकारी के अनुसार उक्त याचिका बसखारी निवासी प्रसिद्ध हाईकोर्ट अधिवक्ता सैय्यद महफूजुर्रहमान द्वारा की गई थी जो एसोसिएशन फॉर प्रोटेक्शन ऑफ सिविल राइट्स के यूपी ईस्ट के उपाध्यक्ष भी हैं।
बहरहाल बहराइच बुल्डोजर मामले में एसोसिएशन फॉर प्रोटेक्शन ऑफ सिविल राइट्स (एपीसीआर) को बड़ी सफलता मिली जिसके उपाध्यक्ष अधिवक्ता सैय्यद महफूजुर्रहमान को बधाइयां मिलने का सिलसिला जारी है।