28 वर्ष पुराने बाबरी मस्जिद विध्वंस मामले पर बुधवार को विशेष सीबीआई कोर्ट के फैसले को देखते हुए पूरे प्रदेश में हाई अलर्ट जारी कर दिया गया है। सभी संवेदनशील जिलों में सुरक्षा प्रबंध और मजूबत करने के लिए अतिरिक्त रूप से 70 कंपनी पीएसी की तैनाती की गई है। जिलों के पुलिस कप्तानों को सेक्टर व्यवस्था लागू करके सुरक्षा प्रबंध करने के निर्देश दिए गए हैं। सोशल मीडिया की भी सघन निगरानी कराई जा रही है। उक्त मामले में केंद्रीय जांच एजेंसी ने 351 गवाह और करीब 600 दस्तावेजी सुबूत अदालत में पेश किये। इस मामले में कुल 49 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया था, जिनमें से 17 की मामले की सुनवाई के दौरान मृत्यु हो चुकी है। इधर, फैसले के मद्देनजर यूपी में सुरक्षा के कड़े इंतजाम किये गये हैं। उत्तर प्रदेश में पीएसी की 70 कंपनियां तैनात कर दी गयी हैं. सोशल मीडिया पर कड़ी नजर है। विध्वंस मामले में मुख्य रूप से लालकुष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, कल्याण सिंह, उमा भारती, विनय कटियार, साघ्वी ऋतंभरा, महंत नृत्य गोपाल दास, डॉ राम विलास वेदांती, चंपत राय, महंत धर्मदास, सतीश प्रधान, पवन कुमार पांडेय, लल्लू सिंह, प्रकाश शर्मा, विजय बहादुर सिंह, संतोष दूबे, गांधी यादव, रामजी गुप्ता, ब्रज भूषण शरण सिंह, कमलेश त्रिपाठी, रामचंद्र खत्री, जय भगवान गोयल, ओम प्रकाश पांडेय, अमर नाथ गोयल, जयभान सिंह पवैया, महाराज स्वामी साक्षी, विनय कुमार राय, नवीन भाई शुक्ला, आरएन श्रीवास्तव, आचार्य धमेंद्र देव, सुधीर कुमार कक्कड़ व धर्मेंद्र सिंह गुर्जर आरोपी हैं जिनमे से बाल ठाकरे, अशोक सिंघल, आचार्य गिरिराज किशोर, विष्णु हरि डालमिया, महंत अवैद्यनाथ, महंत परमहंस दास, महामंडलेश्वर जगदीश मुनि, बैकुंठ लाल शर्मा प्रेम, डॉ सतीश नागर , मोरेश्वर साल्वे (शिवसेना नेता), डीवी रे (तत्कालीन एसपी), विनोद कुमार वत्स (हरियाणा निवासी), रामनारायण दास, हरगोबिंद सिंह, लक्ष्मी नारायण दास महात्यागी, रमेश प्रताप सिंह और विजयराजे सिंधिया का निधन हो चुका है। मिली जानकारी के मुताबिक, जिस कोर्ट में फैसला सुनाया जाना है सिर्फ वहां ही 2 हजार करीब पुलिसवाले तैनात हैं. इसमें से कई सादी वर्दी में हैं. इसके साथ-साथ 25 संवेदनशील जिलों में रैपिड एक्शन फोर्स (आरपीएफ) तैनात की गई है। बाबरी मस्जिद विध्वंस पर 28 वर्ष बाद अंतिम फैसला बुधवार को सुरेंद्र कुमार यादव सुनाएंगे और उसके बाद सेवानिवृत हो जाएंगे।