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होशियार ! तनिक सतर्कता से ऑनलाइन फ्राड गैंग के चंगुल में फंसने से बच सकते हैं आप – ताजा मामला जानकर हो जाएंगे हैरान

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ऑनलाइन फ्राड गैंग पूर्व में सपा के प्रदेश सचिव तथा ईदगाह के उप इमाम के नाम व फ़ोटो का भी कर चुका है इस्तेमाल

अब प्रसिद्ध मदरसा मंज़रे हक के प्रबंधक व प्रख्यात कपड़ा व्यवसायी की फ़ोटो लगा कर मांगा जा रहा है ऑनलाइन रुपया

अम्बेडकरनगर: आजकल ऑनलाइन फ्राड गैंग काफी चालाकी व नित नई चाल के साथ सीधे साधे लोगों को बेवकूफ बना कर ऑनलाइन फ्राड कर रहे हैं। फेसबुक मैसेंजर के बाद अब व्हाट्सअप पर भी संपर्क कर ऑनलाइन फ्राड किया जा रहा है हालांकि पुलिस साइबर सेल द्वारा लगातार जनजागरूकता कार्यक्रम चलाया जा रहा है लेकिन फिर काफी संख्या में लोग अज्ञानता वश फ्राड गैंग का शिकार बन जा रहे हैं।


ताज़ा मामला औद्योगिक नगरी टाण्डा के बहुप्रसिद्ध कपड़ा व्यवसायी व मदरसा मंज़रे हक के प्रबंधक हाजी अशफाक अहमद अंसारी से जुड़ा हुआ है। ऑनलाइन फ्राड गैंग द्वारा फेसबुक पर हाजी अशफाक अहमद अंसारी का फोटो लगाकर फ़र्ज़ी आईडी ही नहीं बनाई गई बल्कि मोबाइल नंबर 8741924510 पर हाजी अशफाक अंसारी की फ़ोटो लगा कर व्हाट्सएप्प मैसेज भेज कर उनके परिचितों से अर्जेंट ऑनलाइन धन की डिमांड की जा रही है।
प्रसिद्ध कपड़ा व्यापारी हाजी अशफाक अहमद अंसारी द्वारा अचानक परिचितों से मात्र पांच, दस व बीस हज़ार की मांग किए जाने से परिचितों द्वारा उनके व्यक्तिगत नंबर पर सम्पर्क किया गया तो उन्होंने हैरानी प्रकट किया। श्री अशफाक द्वारा टाण्डा कोतवाली निरीक्षक को लिखित तहरीर देते हुए उक्त व्हाट्सअप नंबर व ऑनलाइन फ्राड गैंग द्वारा भेजे गए स्कैनर की जांच करा कर वैधानिक कार्यवाही करने की मांग किया है।

बताते चलेंकि गत दिनों सपा के प्रदेश सचिव व सपा सिम्बल से टाण्डा नगर पालिका अध्यक्ष पद का चुनाव लड़ चुके इंजीनियर एजाज अहमद अंसारी के नाम का व्हाट्सएप्प बना कर उनके परिचितों से अर्जेंट ऑनलाइन पैसों की मांग किया गया था तथा टाण्डा ईदगाह के उप इमाम मो. कौनैन मिस्बाही का फोटो लगा कर उनके परिचितों से अर्जेंट ऑनलाइन पैसों की मांग की गई जिससे हैरान व परेशान नायब इमाम ईदगाह टाण्डा द्वारा अलीगंज थानाध्यक्ष को तहरीर देते हुए त्वरित कार्यवाही की मांग किया था।
बहरहाल टेक्नोलॉजी के इस युग में फ्राड गैंग द्वारा नित नए ढंग से लोगों को लूटने की योजना बना रहे हैं जिसमें अक्सर सीधे साधे लोग फंस भी जा रहे है। पुलिस साइबर सेल द्वारा लगातार जनजागरूकता कार्यक्रम चलाया जाता है इसलिए हमें थोड़ा समय निकाल कर सावधानियों को गंभीरता पूर्वक जानने का प्रयास करना चाहिए, अगर हम तनिक भी सावधानी बरतें तो ऑनलाइन फ्राड से बच सकते हैं। ऑनलाइन फ्राड से बचने के लिए किसी को भी मोबाइल पर आने वाली चार अंकों की ओटीपी ना बताएं और अगर आपसे कोई परिचित ऑनलाइन पैसों की मांग करता है तो पहले उसके पुराने नंबर से फोन करके पुष्टि कर लें।

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