अम्बेडकरनगर (विशेष रिपोर्ट: आलम खान – एडिटर इन चीफ) समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी लालाजी वर्मा ने मंगलवार को दो सेट में अपना नामांकन पत्र जमा किया तथा विशाल कार्यकर्ता सम्मेलन आयोजित कर अपनी ताकत दिखाने का भी प्रयास किया लेकिन गठबंधन साथियों को नज़र अंदाज़ करना सपा को नुकसान पहुंचा सकता है। इस दौरान मंच पर मुस्लिम चेहरों को भी दिखाने का सफल प्रयास किया गया जिससे मुस्लिम मतदाता पूर्व की तरह सपा से जुड़े रहें।
समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी लालाजी वर्मा के नामांकन में जहां टांडा विधायक राममूर्ति वर्मा, अकबरपुर विधायक राम अचल राजभर, पूर्व एमएलसी हीरालाल यादव व बुनकर नेता हाजी अशफाक अंसारी को प्रस्तावक बनाया गया था वहीं गठबंधन पार्टी कांग्रेस व आम आदमी पार्टी के किसी व्यक्ति को प्रस्तावक के रूप में शामिल नहीं किया गया। कांग्रेस जिलाध्यक्ष जितेंद्र उर्फ अमित वर्मा ने कहा कि सब कुछ सहमति से किया गया है लेकिन वरिष्ठ कांग्रेसियों को प्रस्तावक के रूप में किसी कांग्रेसी को शामिल न करने का दर्द छलक रहा है। दूसरी तरफ कांग्रेस पार्टी के टांडा नगर अध्यक्ष ने तो आक्रोश पत्र जारी करते हुए बताया कि नामांकन के दौरान भीड़ जुटाने के लिए उन्हें वाहन उपलब्ध कराने का वादा किया गया था लेकिन कांग्रेस से जुड़े दर्जनों लोग वाहन का इन्तेजार करते रहे लेकिन कोई गाड़ी नहीं भेजी गई। टांडा नगर अध्यक्ष वकील अहमद ने कहा कि गठबन्धन दल को नज़र अन्दाज़ किये जाने से कार्यक्रताओं में मायूस छा गई है।
सूत्रों के अनुसार कांग्रेस पार्टी के कई पदाधिकारियों व कार्यकर्ताओं ने जिलाध्यक्ष सहित अन्य उच्च पदाधिकारियों ने सपा द्वारा गठबंधन के लोगों को नज़र अंदाज़ किये जाने की शिकायत दर्ज कराई है।
सपा नामांकन के दौरान हुए कार्यकता सम्मेलन में भी मुस्लिम चेहरों को फ्रंट पर दिखाने का सफल प्रयास भी किया गया। सपा जिलाध्यक्ष सहित अन्य नेताओं ने भी मुस्लिम समाज की काफी बढ़चढ़ कर तारीफें किया और देश की आज़ादी में मुस्लिम समाज की भागीदारी की याद ताजा कराई। ऐसा माना जा रहा है कि बसपा द्वारा मुस्लिम कार्ड खेलते हुए कमर हयात अंसारी को प्रत्याशी बनाये जाने से सपा खेमे में मुस्लिम समाज को अपनी तरफ एकजुट बनाये रखने में भ्रम पैदा हो गया है। सपा मुस्लिम मतदाताओं को अपना वोट बैंक मानती रही है लेकिन कमर हयात अंसारी के मैदान में आने के कारण सपा कोई रिश्क नहीं लेना चाहती है और इसी कारण नामांकन के दौरान प्रस्तावक के रूप में मदरसा मंज़रे हक के प्रबंधक हाजी अशफाक अहमद अंसारी को भी प्रस्तावक बनाया गया और कार्यकर्ता सम्मेलन की पहली कतार में कई प्रमुख मुस्लिम सपा नेताओं को स्थान भी दिया था तथा पूरे भाषण के दौरान भी मुस्लिम समाज की तारीफें की गई।
बहरहाल एक तरफ गठबंधन वाली कांग्रेस पार्टी के एक खेमे में किसी कांग्रेसी को प्रस्तावक के रूप में न रखने एवं टांडा की टीम को वादा कर वाहन की व्यवस्था ना कराने से जहां नाराजगी देखी जा रही है तो दूसरी तरफ मुस्लिम मतदाताओं को सपा में रोकने के उद्देश्य से कार्यकर्ता सम्मेलन में मुस्लिम चेहरों को प्रमुख्यता से स्थान देने एवं मुस्लिम समाज की कुर्बानियों का दिल खोल कर सराहना करने का काम किया गया जिसकी खूब चर्चाएं हो रही है।