बलिया (अखिलेश सैनी) लॉकडाउन-थ्री में ग्रीन जोन में शामिल जिलों में सरकार द्वारा छूट दी गई है। करीब चालीस दिनों से घरों में कैद लोगों को शुक्रवार को बाहर निकलने का द्वितीय माैका मिला। जिसका लोगों ने जमकर लुत्फ उठाया। इस दौरान नोटिस करने वाली बात यह रही कि रसड़ा शहर का काेना-काेना जन सैलाब से उमड़ पड़ा। पुलिस के लाख प्रयास के बाद भी जगह-जगह शारीरिक दूरी का उल्लंघन किया गया।
आज सुबह बाजार खुलते ही बाजारों में भीड़ उमड़ पड़ी। खरीददारी करने के लिए गांवों से भी लोग अपने वाहनों द्वारा शहर में आ गए। भारी वाहनों के कारण जहां मार्ग अवरुद्ध हो गए वहीं दुकानों पर भारी भीड़ जुट गई।सामाजिक दूरी व मास्क की अनिवार्यता की धज्जियां उड़ाते हुए लोग मेले की तरह बाजारों में घूमते रहे। भारी भीड़ को देखकर शहरवासी भी भयग्रस्त रहे कि कहीं कोरोना का कहर न टूट जाएं।
बात चाहे नगर के मुख्य चाैराहे की हो या फिर गांव-गिरांव की हर जगह लोगों ने छूट का नाजायज फायदा उठाया। यही नहीं मास्क पहन कर बाहर निकलने का फरमान भी हवा में उड़ता नजर आया। आपकाे बतादें कि जिला प्रशासन के कवायद पर जिले के कस्बे में राेस्टकर के अनुसार दुकानें खुलनी है। लेकिन नगर रसड़ा में इसकी सरेयाम धज्जियां उड़ाईं जा रही हैं। सुबह छ: बजे से ही दुकानदार अपने-अपने दुकानाें के आगे बैठ कर चकल्लस कर रहे हैं आैर माैका देखते हुए दुकान खाेलकर बेचा-बिक्री शुरु कर दे रहे हैं। दुकानदाराें की इस मनमानी से बाजाराें में लाेगाें की भीड़ उमड़ रही है। रसड़ा के स्टेशन राेड, ब्रह्मस्थान ये मुख्य रुप से भीड़ काे जन्म देने में प्रतिभागी क्षेत्र हैं। ब्रह्मस्थान में सुबह में बाजार का लगभग हर दुकान ही खुल रहा है। इस स्थान में राेस्टर का काेई आैचित्य नहीं हैं। यहां के दुकानदार अपने स्तर से राेस्टर बना कर काम कर रहे हैं। हद ताे तब हाे गई जब ब्रह्मस्थान के अधिकांशत: दुकानदार बिना मास्क-ग्लब्स के सामानाें का बेचा बिक्री कर रहे थे। उपर्युक्त तस्वीर में आप देख सकते हैं कि दुकानदार दुकान के आगे बिना मास्क व ग्लब्स पहने खड़ा हाेकर ग्राहक की प्रतीक्षा कर रहा है। रसड़ा नगर की भीड़ काे देखकर ताे ऐसा लग रहा है कि यहां के लाेग काेराेना महामारी से परिचित ही नहीं हैं या फिर जान-बुझ कर काल के मुंह में जाना चाहते हैं।