पति की हत्या करवाने के मामले में ममता को पुलिस भेज चुकी है जेल
अम्बेडकरनगर: विगत 01 अप्रैल को दिनदहाड़े हुई जितेंद्र नाथ गुप्ता की हत्या का मुख्य शूटर आज पुलिस मुड़भेड़ में घायल हो गया जिसका जिला अस्पताल में इलाज चल रहा है हालांकि पुलिस की कहानी में काफी छेद नज़र आ रहा है।
आपको बताते चलेंकि गत 01 मार्च को दिनदहाड़े बाइक सवार दो बदमाशों ने जितेंद्र नाथ गुप्ता पुत्र स्वर्गीय शोभालाल गुप्ता निवासी मुस्तफाबाद थाना जैतपुर को जैतपुर थाना क्षेत्र के नेवादा बाजार जाते समय उदयपुर मोड़ के निकट गोली मार कर मौत के घाट उतार दिया गया था। मृतक के पुत्र मयंक गुप्ता ने हत्या में अपनी माँ ममता की साजिश बताते हुए माँ के प्रेमी अरुण कुमार गुप्ता पुत्र राजेन्द्र प्रसाद गुप्ता निवासी सरपतहा जनपद जौनपुर व उसके साथी के खिलाफ नामजद मुकदमा दर्ज कराया रहा। पुलिस ने जांचोपरांत मृतक की पत्नी ममता को हिरासत में लेकर जेल भेज दिया था तथा हत्यारोपियों की तलाश कर रही थी। जैतपुर पुलिस का दावा है कि आरोपी अरुण कुमार गुप्ता पुत्र राजेन्द्र प्रसाद गुप्ता निवासी सरपतहा जिला जौनपुर व विजय शंकर तिवारिनिवसै सरपतहा जिला जौनपुर को क्षेत्र में देखा गया तो जैतपुर इंस्पेक्टर व जलालपुर इंस्पेक्टर ने घेराबंदी का प्रयास किया जिसपर बदमाशों ने फायरिंग शुरू कर दिया लेकिन पुलिस अपनी हिकमत अमली से बचते हुए एक अपराधी पर फायर कर दिया जिसमें विजय शंकर तिवारी पुत्र अच्छेलाल तिवारी निवासी सरपतहा निवासी जौनपुर के पैर में गोली लग गई। पुलिस ने दोनों अभियुक्तों को हिरासत में ले लिया और घायल को जिला अस्पताल भेज दिया।
बहरहाल ममता की बेवफाई के कारण जितेंद्र नाथ गुप्ता की जान गई थी और श्री गुप्ता की हत्या में शामिल अभियुक्तों को आज पुलिस ने मुड़भेड़ में गिरफ्तार करने का दावा किया है लेकिन चर्चा है कि हत्या में नाम आए के बाद दोनों अपराधी आखिर जैतपुर में क्यों घूम रहे थे। कुछ लोग दबी आवाज़ में कहते हैं कि दोनों अभियुक्तो को पुलिस ने एक दिन पहले ही हिरासत में ले लिया था। बड़ा सवाल ये पैदा होता है कि जब दोनों शूटर पुलिस के शिकंजे में पहले से थे तो मुड़भेड़ कैसे और क्यों हुई तथा आजकल होने वाले मुड़भेडों में अभियुक्तों के पैर में ही गोली कईं लगती है।