रिपोर्ट: अखिलेश सैनी बलिया
बलिया।विद्यालय एक ऐसी संस्था है जहाँ बच्चों के शारीरिक, मानसिक, बौद्धिक एवं नैतिक गुणों का विकास होता है। स्वच्छ सुन्दर विद्यालय भवन के साथ-साथ पर्यावरण संरक्षण के तहत पेड़-पौधे, शुद्ध पानी की व्यवस्था देना सरकार का उद्देश्य हैं। पर इन सबमें जनसहयोग की भी जरूरत है। इसके लिए सभी बुद्धजीवियों को आगे आना होगा।
उक्त बातें शिक्षाक्षेत्र बेरुआरबारी के प्राथमिक विद्यालय मिड्ढा पर पहुँचे जिलाधिकारी हरि प्रताप शाही ने कही। इस दौरान उनके साथ मौसम वैज्ञानिक पद्मश्री डॉ. जगदीश शुक्ल भी थे।जिलाधिकारी ने बीएसए शिवनारायण सिंह, डीपीआरओ शशिकांत पांडेय, ग्राम प्रधान व सचिव के साथ गांव की सुविधाओं पर चर्चा की। कहा कि ऑपरेशन कायाकल्प के तहत विद्यालय में जो भी काम अधूरा है उसे पूरा करा लें। विद्यालय परिसर में डीएम, एसपी, पद्मश्री जगदीश शुक्ल समेत सभी ने पौधे लगाकर पौधरोपण के लिए प्रेरित किया। इस मौके पर एडीओ पंचायत पंचायत परमानंद गुप्ता, खण्ड शिक्षा अधिकारी सुभाष गुप्ता, पूर्व भाजपा जिलाध्यक्ष विनोदशंकर दूबे, महेंद्र शुक्ल, प्रधान सूचित शर्मा, श्रीराम शुक्ल, द्वारिका दुबे, प्रधानाध्यापक हरिबंश शुक्ल समेत अन्य ग्रामीण उपस्थित थे।
पद्मश्री जगदीश शुक्ल ने दिया भरपूर मदद का भरोसा
बेरुआरबारी ब्लॉक के अंग्रेजी माध्यम स्कूल मिड्ढा पर भ्रमण के दौरान मौसम वैज्ञानिक पद्मश्री जगदीश शुक्ल भी थे। उन्होंने जिलाधिकारी से कहा, ‘मै खुद इसी स्कूल का पढ़ा हूँ। यह स्कूल जनपद में एक बेहतर मॉडल विद्यालय बने, इसके लिए मिलजुल कर प्रयास किया जाए’। शुक्ल ने कहा कि इसमें मेरे लायक कोई भी सहयोग होगा तो करने को तैयार हूँ। विद्यालय में अपनी तरफ से कम्प्यूटर देने की बात भी कही। साथ ही जरूरत पड़ने पर किसी भी प्रकार का संसाधन देने का भरोसा दिलाया। जिलाधिकारी के जाने के बाद उन्होंने बीएसए के साथ काफी देर तक बैठकर विद्यालय को आधुनिक रूप देने पर चर्चा की।
गांधी महाविद्यालय का किया निरीक्षण
जिलाधिकारी श्रीहरि प्रताप शाही ने मौसम वैज्ञानिक जगदीश शुक्ल संग गांधी महाविद्यालय मिड्ढा का निरीक्षण किया। सभी कमरों में चल रहे क्लास में गए। वहां एसपी देवेंद्र नाथ ने छात्राओं से भूगोल से जुड़े सवाल पूछकर पठन-पाठन की गुणवत्ता को परखा। कुल मिलाकर विद्यालय के अनुशासन, पर्याप्त संसाधन व अन्य व्यवस्था पर डीएम ने खुशी जाहिर की। इस दौरान महाविद्यालय के प्रबंधक श्रीराम शुक्ल, महेंद्र शुक्ल आदि थे।