बलिया (अखिलेश सैनी) सबका साथ सबका विकास व सबका विश्वास के नारे पर राजनीति करने वाली बीजेपी अब विफल नजर आ रही है। विकास की दाैड़ लगाने वाली अब थम-सी गई है। जी हां ! हम बात कर रहे हैं माेदी सरकार की जिनका कहना है कि न खाऊंगा और न खाने दूंगा। उस माेदी सरकार की जाे सिर्फ व सिर्फ विकास भ्ष्टाचार मुक्त देश व समाज का सपना देख रही है। क्षेत्र में चर्चा है कि क्या भारतीय जनता पार्टी अब गुरुर की राजनीति कर रही है। कल तक ताे यह जनता की आवाज थी लेकिन अब कार्यकर्ताआें का नारा हाे गया है। बीजेपी के कार्यकर्ता अपने आप काे पार्टी में संख्या का आधार मान रहे हैं। उनका कहना है कि हम भाजपा के कार्यकर्ता हैं, अगर हम अपराध काे राेकने का प्रयास भी कर रहे हैं ताे न पार्टी ही हमारी बात सुनती है आैर ना ही सम्बन्धित अधिकारी। बलिया जनपद के रसड़ा तहसील अंतर्गत ग्रामसभा मुड़ेरा निवासिनी रागिनी सिंह (जिला महामंत्री महिला माेर्चा भारतीय जनता पार्टी) ने ग्राम पंचायत मुड़ेरा, विकास खण्ड तहसील रसड़ा में जांच समिति की जांच में ग्राम प्रधान द्वारा लाखो रुपये का गबन व अवैध धन उगाही लाखो रुपये की रिकवरी कराये जाने के सम्बन्ध कई बार बलिया जिलाधिकारी काे पत्रक साैंपी हैं, लेकिन कार्यवाही के नाम पर बस कोरम पूरा हुआ लेकिन हुआ कुछ भी नहीं। श्रीमति सिंह का कहना है कि जिलाधिकारी ने डीपीआरआे काे ज़िम्मेदारी तय करने दायित्य साैंपा लेकिन जब कार्य में विलम्ब हुआ ताे मैंने डीपीआरआे से सवाल किया ताे वाे झल्लाते हुए कहे कि “कार्य कर ताे रहा हूं क्या करुं प्रधान का मर्डर कर दूं।” डीपीआरआे के इस वाक्याें से रागिनी सिंह का मन दु:खित हाे गया। बातचीत के दाैरान रागिनी सिंह ने बताया कि मैं न्याय के लिए अधिकारियाें के पास दाैड़ रही हूं लेकिन अब तक काेई कार्यवाही नहीं हुई।
भारतीय जनता पार्टी की सरकार में कार्यकर्ताआें का ही काेई कार्य नहीं हाे रहा है, जाे कि न्याय के पक्ष में है,ताे फिर इसके अतिरिक्त क्या हाेगा।