अम्बेडकरनगर: अधिवक्ता बिल संसोधन को लेकर सरकार व अधिवक्ता आमने सामने हैं। पूर्व चेतावनी के अनुसार मंगलवार अधिवक्ताओं ने हड़ताल का एलान कर दिया है। इस दौरान जलालपुर रजिस्ट्री कार्यालय में दस्तावेज़ कार्य होने से अधिवक्ताओं ने हंगामा किया। टाण्डा में शांतिपूर्ण प्रदर्शन हुआ और इस दौरान ना तो कोई रजिस्ट्री हुई और न यही कोई वाद दायर हो सका।बताते चलेंकि सरकार द्वारा अधिवक्ता अधिनियम 1961 में संशोधन करने से नाराज़ आल इंडिया बार एसोसिएशन और उत्तर प्रदेश बार एसोसिएशन ने बीते 21 फरवरी को सरकार को बिल वापस लेने और अधिवक्ता सुरक्षा बिल को लागू करने की मांग को लेकर हाथ में काली पट्टी बांध कर विरोध करते हुए 25 फरवरी से पूर्ण रूप से कार्य बहिष्कार का ऐलान किया था। जिस कड़ी में मंगलवार को टाण्डा व जलालपुर बार एसोसिएशन के अधिवक्ताओं द्वारा टाण्डा रजिस्ट्री कार्यालय पर धरना प्रदर्शन किया गया एवं जलालपुर रजिस्ट्री कार्यालय के गेट पर पहुंचे सैकड़ों अधिवक्ताओं ने सरकार द्वारा लाए गए कानून को काला कानून बताते हुए तत्काल वापस लेने की मांग की। टाण्डा व जलालपुर तहसील अधिवक्ताओं ने रजिस्ट्री कार्यालय से पैदल मार्च करते हुए तहसील परिसर में भ्रमण किया। इस दौरान अधिवक्ताओं ने सरकार की तानाशाही नहीं चलेगी, काला कानून वापस लो जैसे स्लोगन की तख्तियां लहराई। टाण्डा प्रदर्शन की अध्यक्षता अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष मो.मोकेएम एडवोकेट व संचालन अधिवक्ता हेलाल अशरफ ने किया। टाण्डा में अधिवक्ताओं का स्टाम्प वेंडर व दस्तावेज़ लेखकों ने भी पूरा साथ दिया जिसके कारण कोई भी रजिस्ट्री नहीं हो सकी और न ही कोई वाद दायर हो सका जबकि जलालपुर में बंद के आह्वान के बाद भी रजिस्ट्री कार्यालय में दस्तावेज लिखे जाने की सूचना पर हंगामा हुआ।
जलालपुर में अधिवक्ता अध्यक्ष घनश्याम वर्मा ने कहा इस कानून के माध्यम से सरकार लगाम लगा कर अपने अनुसार काम करवाना चाह रही है। यदि सरकार ऐसा करने में कामयाब हो जाती है तो वादकारियों को न्याय दिलाने में बांधा होगी। जिसको लेकर अभी ही अधिवक्ता तहसील प्रांगण में धरने पर बैठे हुए है।