अम्बेडकरनगर (सूचना न्यूज़ कार्यालय) रूहानी इलाज के लिए पूरे विश्व मे विख्यात प्रसिद्ध दरगाह किछौछा शरीफ का 635वां वार्षिक उर्स वैश्विक महामारी कोविड-19 के प्रोटोकॉल के तहत सम्पन्न होगा। इस दौरान ऐतिहासिक जुलूस नहीं निकाला जाएगा और सभी रस्मों को कोविड 19 प्रोटोकॉल के तहत होगी।
उक्त जानकारी टाण्डा उपजिलाधिकारी अभिषेक पाठक ने देते हुए बताया कि बसखारी थाना परिसर में बुधवार को दरगाह के संभ्रान्त लोगों के साथ बैठक सम्पन्न हुई जिसमें वैश्विक महामारी कोविड 19 को देखते हुए शासन द्वारा जारी कोविड 19 प्रोटोकॉल के तहत आगामी वार्षिक उर्स सम्पन्न किये जाने पर सहमति बनाई गई है। श्री पाठक ने बताया कि बसखारी से दरगाह तक जाने वाला ऐतिहासिक ख़िरका मुबारक के जुलुस गत वर्ष की तरह इस वर्ष भी नहीं निकाला जाएगा बल्कि पवित्र ख़िरका मुबारक को ससम्मान वाहन से दरगाह लहद खाना तक लाया जाएगा। बैठक में तय हुआ कि पवित्र स्थान लहद खाना में ख़िरका मुबारक धारण करने की रस्म होगी और सज्जादानशीन आस्ताना तक पचास लोगों के साथ आएंगे और दुआ ख्वानी कराएंगे। इस दौरान जायरीनों को उचित दूरी बना कर अपने अपने स्थान पर रहने की अपील की गई है और ध्वनि विस्तारक यंत्रों के माध्यम से दुआ में शामिल होने के लिए कहा गया है।
टाण्डा उपजिलाधिकारी अभिषेक पाठक व सीओ सदर के.के शुक्ला ने दरगाह से जुटे सभी लोगों से अपील किया कि बाहर के जायरीनों से अपील कर दें कि दरगाह में भीड़ कम से कम रहे इसलिए अपने अपने घरों पर रहकर दुआ करें। दरगाह परिक्षेत्र में लंगर बांटने वालों से भी अपील की गई है कि कोविड 19 प्रोटोकाल के पालन करते हुए लंगर व तबर्रुक का वितरण करें। उक्त मौके पर सैय्यद फैज़ान अशरफ उर्फ चांद मियाँ, सैय्यद खलीक अशरफ, सैय्यद आले मुस्तफा उर्फ छोटे बाबू, सैय्यद शोएब अशरफ, मौलाना आफताब मिस्बाही, गनीदार शाह, अरशद मियाँ, लल्लू खादिम, मौलाना सैय्यद शाहबाज़ अशरफ, केंद्रीय समिति खुद्दामें आस्ताना के अध्यक्ष मौलाना मो.कासिम अशरफी आदि मौजूद रहे।