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बरेली (रिपोर्ट: कुनाल आर्य) बरेली यूनाइटेड टीचर्स एसोसिएशन यूटा बरेली के तत्वाधान में आज जिला अध्यक्ष भानु प्रताप सिंह की अध्यक्षता में हुई जिला काफी रोष जताया गया जिसमें अधिकारियों द्वारा शिक्षकों को शिक्षण का कार्य छोड़ अन्य कार्यों में जुटाकर घनचक्कर बना दिया है। यूटा के जिलाध्यक्ष भानु प्रताप सिंह ने बताया कि शासन स्तर से 6 फरवरी 2022 तक प्रदेश की सभी शिक्षण संस्थाएं पूर्ण रूप से बंद किये गए हैं वही उक्त आदेश में कहीं भी शिक्षकों को भौतिक रूप से विद्यालयों में उपस्थित रहने की बात नहीं की गई है, बल्कि सभी आदेशों में ऑनलाइन शिक्षण की बात कही गई है। इसके विपरीत 28 जनवरी को बेसिक शिक्षा अधिकारी विनय कुमार के निर्देशन में समस्त खंड शिक्षा अधिकारियों द्वारा विभिन्न ब्लॉकों में औचक निरीक्षण कराया गया था जिसमें जनपद के 183 शिक्षक अनुपस्थित दिखा कर बिना कारण बताए वेतन काट दिए गए है। जिला अध्यक्ष भानु प्रताप सिंह ने बताया की कोरोना के चलते स्कूल महानिदेशक के आदेश क्रम में मोहल्ला क्लास एवं ई पाठशाला चलाए जाने का शिक्षकों को आदेश है तो वही मुख्य सचिव के आदेश क्रम में उक्त प्रोटोकॉल के अंतर्गत 50% कर्मचारियों की उपस्थिति अनिवार्य है। साथ ही बीएसए द्वारा कोई स्पष्ट आदेश निर्गत नहीं किया गया था कि जिसमें शिक्षकों को कितने समय से कितने समय तक विद्यालय एवं उपस्थित रहना है स्पष्ट आदेश ना होने के असमंजस के चलते कुछ शिक्षक विद्यालय देरी से जाने पर उनको अनुपस्थित दिखाकर वेतन रोक दिया है। जिसको लेकर संगठन में काफी रोष है मीटिंग में यह तय हुआ कल बीएसए बरेली से इस विषय में बात की जाएगी कि शिक्षकों पर हुई कार्रवाई वापस लें अन्यथा संगठन हाईकोर्ट की शरण में जाएगा।
तो वहीं जिला उपाध्यक्ष सत्येंद्र पाल सिंह ने बताया कि इस वक्त शिक्षकों को वैक्सीनेशन पूर्ण कराने में ड्यूटी लगा दी गई है जिसमें शिक्षकों को प्रतिदिन 200 से 250 लोगों को फोन करके वैक्सीनेशन के लिए जागरूक करना होता है जिसमें की 70 से 80 पर प्रतिशत ऐसे नंबर हैं जो या तो लगते नहीं है अथवा अन्य जिलों व प्रदेशों में लगते हैं। कई जगह शिकायत आई है उक्त नंबरों पर बात करने पर शिक्षकों को एफ आई आर की धमकी अथवा गाली गलौज की शिकायत भी हुई है तो वही महिला प्रचार मंत्री शुमाएला खान ने बताया कि महिला शिक्षिकाओं द्वारा फोन करने पर नए-नए नंबरों से शिक्षिकाओं के पास फोन आते हैं और परेशान करते हैं जिसमें शिक्षिकाओं को नई मुसीबत खड़ी हो रही है।
शिक्षिका प्रीति सिंह ने बताया कॉल करने के साथ-साथ ऑनलाइन एक्सल शीट पर भी शिक्षकों से फीडिंग कराई जा रही है जिसका कि शिक्षकों को इस कार्य से कोई लेना देना नहीं है आए दिन तरह-तरह के शिक्षकों को कार्य सौंपे पर जा रहे है। शिक्षकों को शिक्षक ना बनाकर रोबोट बना दिया है।
जिला महामंत्री हरीश बाबू ने बताया कि अधिकारी लिखित आदेश ना निकालकर केवल व्हाट्सएप पर शिक्षकों को आदेशित कर देते हैं कल देर रात शिक्षकों को रविवार में भी जसोली विद्यालय में ड्यूटी लगा दी गई।
तो वही छुट्टी के दिन रविवार में विभिन्न ब्लाकों के कई स्कूलों में रविवार को शिक्षकों की टीकाकरण में ड्यूटी लगाई जा रही है। जिसका की कोई प्रतिकर अवकाश भी नहीं शिक्षकों को दिया जाता।
वही फतेहगंज के एक विद्यालय में शिक्षा अधिकारी द्वारा निरीक्षण किया जाता है जिसमें अनुपस्थित शिक्षको में से कुछ शिक्षकों से पैसे ले लिए जाते हैं और छोड़ दिया जाता है और जिन्होंने पैसे नहीं दिए उनका वेतन काट दिया गया।
इन सभी समस्याओं को लेकर यूटा के पदाधिकारियों ने अधिकारियों के रवैए को देखते हुए मीटिंग कर विरोध जताया और बताया कि उक्त समस्याओं का समाधान नहीं हुआ तो संगठन कोर्ट की शरण में जाएगा और अधिकारियों के खिलाफ मोर्चा खोलेगा।
इस मौके पर जिला वरिष्ठ उपाध्यक्ष राज पाल्याल राज उपाध्यक्ष विनोद कुमार, रवि कुमार, देवराज भारती, महिला उपाध्यक्ष अनु सिंह, अरविंद गुर्जर, विनोद कुमार, योगेंद्र गंगवार, पवन कुमार, वीरेंद्र सिंह वीरू, जसवीर, धर्मेंद्र कुमार, सोहन पाल सिंह,, गिरिजेश कुमार फहेद अनवर, विवेक कुमार ,हेमंत सिंह, आलोक कुमार, संतोष कुमार, संजय कुमार, रीटा बत्रा, सविता हिरोलिया, श्वेता सिंह, स्वाति गर्ग, इत्यादि मौजूद रहे।

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