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अम्बेडकरनगर: पड़ोसी के पट्टीदारों में हुए विवाद में बीच बचाव कराने गए युवक को काफी भारी पड़ा। स्थानीय पुलिस चौकी इंचार्ज ने समझौता नामा पर हस्ताक्षर कराने के लिए गवाह को बुला कर 10 हज़ार रुपये भी लिया और शांतिभंग की आशंका में चालान भी कर दिया।
उक्त शिकायत टाण्डा कोतवाली क्षेत्र के मोहल्लाह सकरावल पश्चिम निवासी गुलाम रब्बानी पुत्र मोहम्मद इस्माइल ने पुलिस कप्तान आलोक प्रियदर्शी से किया उसकी प्रतिलिपि पुलिस महानिदेशक व पुलिस महानिरीक्षक अयोध्या मंडल को भी भेजा है। शिकायती पत्र में बताया कि उसके पड़ोसी रियाज अहमद के पट्टीदारों में आपसी विवाद हो रहा था जिसमें पड़ोसी की हैसियत से बीच बचाव करने गुलाम रब्बानी गया था और उसके बाद रियाज अहमद द्वारा टाण्डा कोतवाली में प्रार्थना पत्र दिया गया जिसकी जांच सकरावल चौकी इंचार्ज अज़य कुमार सिंह को मिली। चौकी इंचार्ज द्वारा 07 मार्च को चौकी पर दोनों पक्षों में सुलह समझौता कराया गया और उक्त समझौता नामा पर गवाही के रूप में हस्ताक्षर करने के लिए बुलाया था। आरोप है कि जब गवाही पर हस्ताक्षर करने गुलाम रब्बानी गया तो उसे जबरन चौकी पर बैठा लिया गया और डरा धमका कर 10 हज़ार रुपया ले लिया गया तथा शांति भंग की आशंका बताते हुए चालान कर दिया गया। आरोप है कि दरोगा अज़य सिंह ने फ़र्ज़ी रिपोर्ट बना कर 151/116 की कार्यवाही किया। रिपोर्ट में रियाज अहमद को सकरावल के बजाय कस्बा का निवासी दर्शाया गया तथा रियाज़ अहमद को वृद्ध व्यक्ति बताया गया जबकि रियाज़ अहमद वृद्ध नहीं है। पुलिस रिपोर्ट के अनुसार रियाज़ अहमद व गुलाम रब्बानी को अमेदा फौजदारी दिखाया गया और पुलिस पहुंचने पर उत्तेजित होने की बात कही गई जो सरासर गलत है। गुलाम रब्बानी ने पुलिस कप्तान से उक्त शिकायतें करते हुए दरोगा के खिलाफ विभागीय कार्यवाही की मांग किया है।

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