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अम्बेडकरनगर: किछौछा निवासी सैय्यद गौस अशरफ को जिलाधिकारी द्वारा जिला बदर की कार्यवाही किए जाने से उनके समर्थकों में आक्रोश व्याप्त है। सोशल मीडिया पर जहां समर्थक अपना गुस्सा निकाल रहे हैं वहीं नगर पंचायत अध्यक्ष शबाना खातून भी पहली बार सामने आते हुए कहा कि जिलाधिकारी के द्वारा मुझे एवं मेरे पति सैय्यद गौस अशरफ को जानबूझकर निशाना बनाया जा रहा है । पूर्व में जिलाधिकारी के द्वारा मेरे विरूद्ध फर्जी एफ आई आर पशू क्रूरता में पशु चिकित्सक अधिकारी बसखारी की तरफ से कराया था। पशु आहार के भुगतान न होने के सम्बंध में और जिलाधिकारी ने शासन से मेरे वित्तीय अधिकार को वापस लेने की एक झूठी आख्या भेजा था जिस के बाद मेरे द्वारा शासन को अपना जवाब देते हुए जिलाधिकारी की आख्या पर ही सवाल खड़ा किया। उन्होंने कहा कि जिलाधिकारी को इतना ड़र और भय हो गया था कि हाईकोर्ट लखनऊ बेंच में अपने नाम से और एड़ीएम के नाम से कैबियट दाखिल कर दिया , इसी बीच जिलाधिकारी ने मेरी एवं मेरे पति की चल अचल सम्पत्ति की भी जानकारी हासिल करने लगे। जिस में मेरे पति की बैनामा भूमि को कब्रिस्तान बता दिया था जिस से यह स्पष्ट होता है की जिलाधिकारी क्या करना चाहते है। श्रीमती शबाना ने कहा कि अब जब इतने से संतुष्टी नहीं मिली तो अब जिला बदर की कार्यवाई कर के खुद को जिलाधिकारी संतुष्ट करना चाहते है और इस तरह का आचरण प्रस्तुत करना किसी सक्षम अधिकारी को शोभा नहीं देता है।
श्रीमती शबाना ने कहा कि मैंने पूर्व में भी जिलाधिकारी के इस व्यवहार के बारे सुप्रीम कोर्ट, हाईकोर्ट के न्यायाधीश महोदय एवं महामहिम राज्यपाल को अवगत करा दिया था। उन्होंने दावा किया कि अब हम कानूनी कार्रवाई के लिए न्यायालय में जायेगे अगर इस बीच मेरे अथवा मेरे पति सैय्यद गौस अशरफ के साथ किसी भी तरह की कोई घटना दुर्घटना होती है तो इसके जिम्मेदार जिलाधिकारी डॉक्टर राकेश कुमार मिश्र ही होगे।