अम्बेडकरनगर (सूचना न्यूज़) शासन के निर्देश पर जनपद में भी 01 नवम्बर से किसानों से धान की खरीद शुरू हो गयी है। धान की कुटाई राइस मिलर करते है। बीते तीन महीने से आंदोलन कर रहे राइस मिलर अब अपनी मिलों में ताला लगा दिया है और धान कुटाई करने से हाथ खड़ा लिया। अम्बेडकरनगर में सोमवार को जिला मुख्यालय पर बड़ी संख्या में इकट्ठा हुए राइस मिलरों ने पैदल मार्च कर जिला खाद्य विपणन अधिकारी कार्यालय पर जाकर खाद्य विपणन अधिकारी को राइस मिलों की चाभी सौंपी और अपनी मांगों को लेकर डीएम को 10 सूत्रीय ज्ञापन भी भेजा। राइस मिलरों के मुताबिक क्रय केंद्रों पर जो धान खरीदा जाता है उस धान में 56 से 60% ही चावल की रिकवरी होती है। और सरकार राइस मिलरों से 67% चावल की रिकवरी ले रही है। जिससे राइस मिलरों का काफी नुकसान हो रहा है और राइस मिलर घाटे में जा रहा है। बीते दो साल से सरकार की तरफ से प्रति कुंतल धान की कुटाई में 20 रुपये प्रोत्साहन राशि दे रही है। जबकि 20 वर्षों से लेबर चार्ज, बिजली की कीमत डीजल की कीमत और मिल के पुर्जो में बेतहाशा वृद्धि हुई है। ऐसे में जो प्रोत्साहन राशि मिल रही है वह अनलोडिंग, चावल की भराई एवं लोडिंग में खर्च हो जाता है। इसलिए धान की कुटाई 250 रुपये प्रति कुंतल की जाए। बीते कई सालों से विभिन्न एजेंसियां राइस मिलर का भुगतान दबाए बैठी है। हड़ताल पर गए राइस मिलरों ने कहा जबतक मांगे नही पूरी होंगी तबतक सरकारी धान की कुटाई नही करेंगे। अब ऐसे में सरकार और राइस मिलरों की लड़ाई में आम किसान परेशान होने को मजबूर होगा।