अम्बेडकरनगर (रिपोर्ट: आलम खान – एडिटर इन चीफ) भाषाएं हमें एक दूसरे से जोड़ती हैं और देशप्रेम की भावना पैदा करती हैं।मुशायरों के आयोजन से देश में गंगा जमुनी संस्कृति और सौहार्द को बल मिलता है। उर्दू के विकास में उ.प्र.उर्दू अकादमी अहम भूमिका निभा रही है।
उक्त बातें मुख्य अतिथि भाजपा जिलाध्यक्ष डॉ.मिथिलेश त्रिपाठी एवं विशिष्ट अतिथि गौरव सिंह ने उत्तर प्रदेश उर्दू अकादमी के सहयोग एवं उर्दू प्रेस क्लब अयोध्या के तत्वावधान में हुए इन्दईपुर स्थित हुसेनपुर मुसलमान में ऑल इंडिया मुशायरा शनिवार की रात में उर्दू प्रेस क्लब अयोध्या के चेयरमैन जलाल सिद्दीकी के संरक्षण, पूर्व प्रधानाचार्य ताज मोहम्मद सिद्दीकी की अध्यक्षता तथा इस्माईल नजर के संचालन में हुए मुशायरे में कहीं। मुशायरे का आगाज सैयद सलाहुद्दीन किछौछवी के शमा रोशन से हुआ। शायरों की हर अदा ने श्रोताओं को अपना अपनी शायरी का कायल बनाया। देर रात तक शायरी की खुश्बू से माहौल महकता रहा।कार्यक्रम के संरक्षक जलाल सिद्दीकी ने कहा कि उर्दू कौमी एकता की जुबान है, जिसका जन्म हिंदुस्तान में हुआ था।इसकी मिठास के सब दीवाने हैं। सितारे उर्दू एवार्ड से सम्मानित मो.शफी नेशनल इंटर कॉलेज हंसवर के शिक्षक मोहम्मद असलम खान ने कहा कि हिंदुस्तान को इंकलाब जिंदाबाद का नारा देने वाली उर्दू जबान ही है।ताज मोहम्मद सिद्दीकी ने अध्यक्षीय भाषण में कहा कि अदब समाज का आईना है, जिसमें समाज की झलक दिखाई देती है।सह संयोजक मंजर सिद्दीकी ने आए हुए मेहमानों का शुक्रिया अदा किया।मुशायरे में शायर खुर्शीद हैदर ने शेर पढ़ा – अम्बर पर तो वहीं उड़ेंगे, जिनके अपने पर होंगे।
नासिर फ़राज़ उड़ीसा ने कहा यह है प्यारा हिंदुस्तान,यह है प्यारा हिंदुस्तान,हिंदू मुस्लिम सिख ईसाई सब उसकी संतान।अना देहलवी ने कहा फूलों को कांटों पर चलना पड़ता है,इश्क न करना आग में जलना पड़ता है।अज़्म शाकरी ने कहा उम्र भर साथ रहने से क्या फायदा,जिसको पाया था वह तो मिला ही नहीं।नईम अख्तर बुरहानपुरी ने कहा वह मेरे पास आना चाहता है,मगर कोई बहाना चाहता है।अफजल मंगलोरवी ने कहा हमारे मुंह पर हमारी बतियां, तुम्हारे मुंह पर तुम्हारी बतियां।मैकश आजमी ने कहा सुना है इश्क में मरते हैं बेवफा ही, मुझे तो तेरी मोहब्बत ने मार डाला है।शकील बरेलवी ने कहा निगाहें मत उठा जानिब किसी की, तेरे घर में भी बेटी पर रही है।इसके अलावा तनवीर जलालपुरी, जमशेद फैजाबादी, एहतेशाम वफा फैजाबादी, मजहर जमाल जलालपुरी, कविता शाहीन व अन्य शायरों ने अपनी शायरी का लोहा मनवाया।इस अवसर पर मोहम्मद याकूब सिद्दीकी,अब्दुर्रशीद सिद्दीकी, डॉ.शोएब अख्तर,अच्छन सिद्दीकी ,डॉ. फिरोज अख्तर,फिरोज सिद्दीकी नोनारा,जियाउल हक सिद्दीकी,तारिक जमाल व अन्य मौजूद रहे।