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अम्बेडकरनगर (सूचना न्यूज़ कार्यालय) दरगाह किछौछा में प्रसिद्ध शीशा वाली मज़ार पर आयोजित तीन दिवसीय वार्षिक उर्स मखदूम सानी में शामिल होने के लिए आगामी 12 अक्टूबर को सपा के कद्दावर नेता व महाराष्ट्र के प्रदेश अध्यक्ष अबु आसिम आज़मी आ रहे है लेकिन उनके द्वारा दरगाह के साहिबे सज्जादा मोइन मियाँ के खिलाफ की गई अभद्र टिपण्णी से नाराज़ स्थानीय सूफी पंत के लोग काला झंडा दिखा कर दरगाह आने का विरोध कर सकते हैं।

एक तरफ समाजवादी पार्टी कद्दावर मुस्लिम नेता आज़म खान की कमी को पूरा करने के लिए सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने महाराष्ट्र के प्रदेश अध्यक्ष अबु आसिम आज़मी को उत्तर प्रदेश के विधान सभा चुनाव में मुस्लिम समुदाय के बीच बड़ा चेहरा दिखाने के लिए सुशोभित कर रहे हैं जबकि दूसरी तरफ विश्व विख्यात दरगाह किछौछा के साहिबे सज्जादा सैय्यद शाह मोइनुद्दीन अशरफ उर्फ मोइन मियां के खिलाफ श्री आज़मी द्वारा अशोभनीय टिप्पणी करते हुए उनके खिलाफ ड्रग्स मामले में जांच करने की मांग कर उनके समर्थकों को ही नहीं बल्कि सूफी पंत के करोड़ों लोगों को नाराज़ कर दिया है।

बताते चलेंकि 15 सितम्बर को मुंद्रा अडानी बंदरगाह से 3000 किलो ड्रग्स पकड़े जाने के बाद महाराष्ट्र के सपा प्रदेश अध्यक्ष अबु आसिम आज़मी ने विश्व विख्यात दरगाह किछौछा के साहिबे सज्जादा अल्लामा मौलाना सैय्यद शाह मोइनुदीन अशरफ उर्फ मोइन मियाँ पर उंगली उठाते हुए उक्त ड्रग्स मामले में उनका हाथ होने का आरोप लगाते हुए उच्च स्तरीय जांच की मांग किया जिसके बाद से दरगाह मखदूम अशरफ से जुड़े लोगों में आक्रोश व्याप्त हो गया। माना जा रहा है कि उक्त बयान से फुटबैक पर आए सपा के कद्दावर नेता अबु आसिम आज़मी द्वारा दरगाह मखदूम अशरफ पर चादरपोशी कर अपनी आस्था प्रकट करते हुए लोगों का आक्रोश शान्त करने का प्रयास करेंगे।
याद दिलाते चलेंकि श्री मोइन मियाँ द्वारा महाराष्ट्र में ड्रग्स के खिलाफ ज़बरदस्त अभियान चलाया गया था जिसके बाद ड्रग्स माफियाओ पर कड़ी कार्यवाही हुई थी।

सूत्रों के अनुसार ड्रग्स माफियाओ ने ड्रग्स के खिलाफ एक प्रदर्शन में अपने कुछ लोगों को भी साज़िश के तहत शामिल करा दिया था और गत दिनों पकड़ी गई ड्रग्स के भारी खेप के मामले में गिरफ्तार एक युवक का साहिबे सज्जादा के साथ एक फोटो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ जिसके बाद अबु आसिम आजमी ने साहिबे सज्जादा के खिलाफ जांच की मांग कर दिया। उक्त मामले में चर्चा है कि मुम्बई में ही स्थित एक भूमि को साहिबे सज्जादा श्री मोइन के प्रयास से अभिलेखों में ईदगाह दर्ज कराया गया जबकि श्री आज़मी द्वारा उक्त भूमि को अपने कुछ चहेतों के नाम कराना चाहते थे जिसको लेकर श्री आज़मी द्वारा साहिबे सज्जादा को चेतावनी भी दी गई थी लेकिन साहिबे सज्जादा श्री मोइन द्वारा स्वयं को दरगाह मखदूम अशरफ का फकीर कहते किसी तरह का समझौता करने से इनकार कर दिया गया था और तब से ही श्री मोइन सपा के कद्दावर मुस्लिम नेता की आंखों की किरकिरी बन गए थे और मौका देखते हुए उन पर ड्रग्स माफियाओ से सम्बन्ध बताते हुए जांच की मांग उठा दी गई जिससे सूफी पन्त के लोगों में आक्रोश व्याप्त हो गया। सूफी पंत के आक्रोश से उबरने के लिए श्री आज़मी द्वारा आगामी 12 अक्टूबर को दरगाह मखदूम अशरफ किछौछा में उर्स मखदूम शानी में शामिल होकर आस्तान मखदूम अशरफ पर चादर पोशी करेंगे हालांकि इस दौरान सूफी पंत के लोगों द्वारा ही काला झंडा दिखा कर आक्रोश प्रकट किया जा सकता है।