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अम्बेडकरनगर (रिपोर्ट: आलम खान – एडिटर इन चीफ) विश्व विख्यात दरगाह किछौछा का वार्षिक उर्स व मेला पूर्व परम्परानुसार आगामी 23 मोहर्रम से शुरू होने जा रहा है। उक्त उर्स के दौरान 24 मोहर्रम पर मलंग के सज्जादानशीन जुलूस की शक्ल में आस्ताना दरगाह जा कर दुआ ख्वानी करते हैं। रस्मों के अनुसार 25 मोहर्रम पर साहिबे सज्जादा सैय्यद मोइन अशरफ, 26 मोहर्रम पर साहिबे सज्जादा सैय्यद हसीन अशरफ, 27 मोहर्रम पर मुतवल्ली व सहिबे सज्जादा सैय्यद मोहिउद्दीन अशरफ व 28 मोहर्रम पर सरपरस्त सज्जादानशीन सैय्यद फखरुद्दीन अशरफ आस्ताना पर पहुंच कर दुआ ख्वानी कराते हैं। सभी सज्जादा नशीन आस्ताना पर दुआ खावनी करा कर वापस लौटते हैं जबकि एक मात्र मलंग के सज्जादानशीन द्वारा ऊपर तक जाने की रस्म है।
प्रसिद्ध मलंग गनीदार शाह के इंतेक़ाल के बाद मलंग सज्जादानशीन का स्थान रिक्त चल रहा था। शुक्रवार को सर्वसम्मति से स्वर्गीय ग़नीदार शाह के पुत्र मोहम्मद आलम शाह को सरपरस्त सज्जादानशीन सैय्यद फखरुद्दीन अशरफ व मुतवल्ली आस्ताना सैय्यद मोहिउद्दीन अशरफ ने संयुक्त रूप से मलंग सज्जादानशीन घोषित कर उनके सर पर दस्तार बांधी गई एवं माला पहना कर स्वागत किया।
बताया गया कि आगमी उर्स के दौरान 24 मोहर्रम की रस्म मोहम्मद आलम शाह के द्वारा अदा कराई जाएगी। उक्त मौके पर सैय्यद बदिउद्दीन अशरफ उर्फ बद्दू मियां, मखदूम अशरफ इंतेजामिया कमेटी के अध्यक्ष सैय्यद अज़ीज़ अशरफ, उपाध्यक्ष सैय्यद गुड्डू मियां आदि मौजूद रहे। उक्त रस्म अदायगी सैय्यद फखरुद्दीन अशरफ के आवास पर सम्पन्न हुई।

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