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अम्बेडकरनगर (सूचना न्यूज़ कार्यालय) पवित्र सरयू तट के किनारे प्राचीन औद्योगिक बुनकर नगरी टाण्डा में इस्लाम धर्म के अंतिम पैगम्बर हज़रत मोहम्मद साहब का जन्मोत्सव परंपरानुसार काफी हर्षोउल्लास के साथ मनाया गया। सख्त सुरक्षा व्यवस्था के बीच 64वां जुलूसे मोहम्मदी पूर्व निर्धारित मार्गो से होता हुआ तलवापार स्थित दरगाह हक्कानी शाह के असताना पर समाप्त हुआ हालांकि जुलूस के अंतिम समय मे बरसात होने के कारण भीड़ छट गई। एसडीएम, सीओ, कोतवाल व एसओ सहित प्रशासनिक व पुलिस अमला लगातार सतर्क नज़र आया। नगर पालिका द्वारा मार्गो की साफ सफाई एवं चूने का छिड़काव तो अवश्य किया गया था लेकिन छुट्टा जानवरों को भीड़ में जाने से नहीं रोक पाई।

जुलूसे मोहम्मदी में नेतागिरी का आरोप लगाते हुए कई स्थानों पर स्वागत कार्यक्रम स्थगित कर दिया गया।
आपको बताते चलेंकि औद्योगिक बुनकर नगरी टाण्डा में पिछले दो वर्षों से जुलूसे मोहम्मदी नहीं निकला गया था लेकिन इस वर्ष कोविड-19 महामारी पर हुए कंट्रोल के कारण परंपरानुसार जुलूस ए मोहम्मदी मोहल्लाह कस्बा जामा मस्जिद से मरकज़ अंजुमन गुलामाने मुस्तफ़ा के नेतृत्व में जुलूस निकाला गया। जुलूस का समय 2 बजे निर्धारित किया गया था लेकिन सकरावल कि अंजुमने समय से नहीं आई जिसके कारण 2:30 बजे जुलूस निकाल दिया गया हालांकि बाद में सकरवाल कई अंजुमने छोटी बाजार में जाकर शामिल हुई।

जुलूस शेखपुरा से छोटीबाज़ार, आर्य कन्या इंटर कालेज होता हुआ जब जुबेर चौराहा पर पहुंचा तो परंपरानुसार जुलूस का स्वागत नहीं किया गया जिससे हर कोई अचंभित नज़र आया। स्वागत करने वाली अंजुमन बज़्मे उस्मान गनी के ज़िम्मेदारों ने बताया कि जुलूसे मोहम्मदी समाजवादी पार्टी मय हो चुका है जिसके कारण आननफानन में स्वागत का कार्यक्रम स्थगित कर दिया गया।

जुलूसे मोहम्मदी ज़ुबैर चौराहा के बाद नयन तारा चौराहा, हयातगंज, चौक घण्टाघर, छज्जापुर मछलीपुल, झारखंडी होते हुए अलीगंज चौराहा के आगे गया जहां स्वर्गीय हाजी हिकमतुल्लाह के आवास के पास पहुंचा जहां सलमानी गेट के पास नौजवानाने कमेटी के सदस्यों ने सड़क के बीच में कतार बना कर खड़े हो गए जहां से जुलूस ने यू टर्न किया और सालारगढ़ मस्जिद में असर की नमाज़ अदा किया।

नमाज़ के उपरांत जुलूस मदीना कोल्ड स्टोरेज होते हुए ताज तिराहा पहुंचा जहां जुलूस का भव्य स्वागत अभिनन्दन किया गया। जुलूस की प्रथम अंजुमन गुलामाने मुस्तफ़ा अपने समयानुसार छोटी बाज़ार सिटी सेंटर से सकरावल के लिए प्रस्थान किया लेकिन इस दौरान बरसात शुरू हो गई और इस बीच अंतिम अंजुमन अलीगंज में ही मौजूद रही।

बरसात होने के कारण कई अंजुमने ताज तिराहा से से अपने अपने मोहल्लों में वापस हो गई लेकिन कई अंजुमनों ने पानी की परवाह किए बग़ैर तलवापर तक पहुंची। तलवापर में रात्रि लगभग 9 बजे जुलूस के समापन का एलान किया गया।

जुलूस में उपजिलाधिकारी अभिषेक पाठक, सीओ संतोष कुमार, तहसीलदार धर्मेंद्र कुमार यादव, टाण्डा कोतवाली निरीक्षक विजेन्द्र कुमार शर्मा, अलीगंज थानाध्यक्ष धर्मेंद्र सरोज भारी पुलिस बल के साथ मौजूद रहे।

टाण्डा के ऐतिहासिक जुलूसे मोहम्मदी में टाण्डा ब्लाक प्रमुख सुरजीत वर्मा, सपा जिला महासचिव मुजीब अहमद सोनू, सपा विधान सभा अध्यक्ष संदीप यादव, पूर्व सपा विधायक स्वर्गीय हाजी अजीमुलहक पहलवान के पुत्र मुसाब अजीम, सपा नेता मोहम्मद एबाद, सपा पिछड़ा वर्ग प्रकोष्ठ के प्रदेश सचिव इंजीनियर एजाज़ अहमद, वरिष्ठ सपा नेता नफीस सिद्दीकी, व्यापार संगठन के जिलाध्यक्ष प्रदीप कुमार उर्फ शंकर गुप्ता, पूर्व चेयरमैन हाजी इफ्तेखार अहमद अंसारी, कांग्रेस नेता शिवकुमार गुप्ता, बुनकर नेता शकील अहमद अंसारी, हेलाल अशरफ एडवोकेट, सपा टाण्डा नगर अध्यक्ष सैय्यद कसीम अशरफ, डॉक्टर दस्तगीर अंसारी, खुर्शीद अहमद अंसारी, मदरसा मंज़रे हक के प्रबन्धक हाजी अशफाक अहमद, आदरे शरैय्या के मौलाना फैय्याजुद्दीन, अतीक अहमद, सेराज अहमद शट मरकज़ अंजुमन के अध्यक्ष आरिफ खान, फजले रब, अरफ़ात कामिल उर्फ शोबी, शमसाद खान, सिराज फ़ाज़िल, आफताब उर्फ गुड्डू आदि मौजूद रहे।

जुलूसे मोहम्मदी में डीजे ना बजाने को लेकर मरकज़ अंजुमन द्वार अपील की गई थी जिसका तनिक असर नहीं दिखाई पड़ा। दर्जनों अंजुमनों ने डीजे लगाकर जुलूस में अपने सहभागिता किया जबकि कई अंजुमनों द्वारा काफी मनमोहक अंदाज़ में अपनी उपस्तिथि दर्ज कराई। कई अंजुमनों द्वारा तिरंगा लहरा कर देश भक्ति प्रकट की गई जबकि एक अंजुमन में शामिल सभी लोगों द्वारा मास्क लगाकर कोरोना महामारी से बचाओ की अपील की गई। जुलूसे मुहम्मदी में हर कोई अंजुमन अपने को अलग दिखाने का प्रयास कर रही था। किसी अंजुमन के सदस्यों द्वारा सफेद कुर्ते पाजामे पर काला दुपट्टा का इस्तेमाल किया गया था तो कई अंजुमन के सदस्यों को गुलाब पगड़ी, सफेद व अन्य कलर की पगड़ी में देखा गया। अंजुमनों के मनमोहक रूप को देखने के लिए काफी भीड़ उमड़ी रही।

जुलूस के दौरान नगर क्षेत्र में किसी भी तरह के वाहनों को नहीं आने दिया गया हालांकि पूर्व में सिर्फ बड़े वाहनों पर रोक रहती थी लेकिन इस बार बाइक व साइकिल चालको को भी चिंतौरा चौराहा के पास रोक गया।

नगर पालिका प्रशासन द्वारा जुलूस के मार्गों की साफ सफाई एवं चूने का छिड़काव कराया गया था लेकिन नगर क्षेत्र में छुट्टा जानवरों को हटाने की कोई व्यवस्था नहीं कि गया जिसके कारण छुट्टा जानवर भीड़ में घुस गए जिसे जुलूस में शामिल लोगों द्वारा किनारे किया गया। गनीमत ये रही कि भीड़ में छुट्टा जानवरों के कारण कोई घटना नहीं घटी।

जुलूस में बेमौसम हुई बरसात के कारण अफरातफरी मच गई और करीब एक घंटा तक जुलूस जहां था वहीं थमा रहा लेकिन जैसे ही पानी थोड़ा कम हुआ जुलूस पुनः शुरू हुआ और तलवापार में पहुंच कर समाप्त हुआ। जुलूस की समाप्ति के दौरान काफी कम लोग रहे। टाण्डा के पूर्व विधायक स्वर्गीय हाजी अजीमुलहक पहलवान के पुत्र मुसाब अजीम अपने पिता की तरह जुलूस के समाप्ति तक मौजूद रहे जिनका जगह जगह पर माला पहना कर स्वागत किया गया। पूर्व एमएलसी अजय कुमार उर्फ विशाल वर्मा ने मरकज़ अंजुमन से भेंट कर अवगत कराया कि उन्हें अतिआवश्यक कार्य से बाहर जाना पड़ रहा है इसलिए जुलूस में शामिल नहीं हो सके।

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