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अम्बेडकरनगर: ऑल इंडिया मजलिसे इत्तेहादुल मुस्लेमीन के प्रदेश सचिव इरफान पठान पर पुलिस ने शिकंजा कसते हुए जिला प्रशासन से जिला बदर करने की अपील किया है जिसकी नोटिस बुधवार को तामील कराई गई है।
टाण्डा छज्जापुर निवासी इरफान पठान के खिलाफ तत्कालीन थानाध्यक्ष द्वारा मुकदमा अपराध संख्या 152/16 पर 3/4 उप्र गुंडा नियंत्रण अधिनियम की कार्यवाही की गई थी जिसका वाद अपर जिला मजिस्ट्रेट न्यायालय में विचाराधीन है तथा मौजूदा टाण्डा कोतवाली पुलिस ने इरफान पठान के खिलाफ टाण्डा व अलीगंज थाना में दर्ज आठ मुकदमों को आधार बना कर मांग किया है कि त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के दौरान शांतिपूर्ण ढंग से चुनाव सम्पन्न कराने में इरफान पठान बाधा उतपन्न कर सकते हैं इसलिए इरफान पठान को जा बदर किया जाए। अपर जिला मजिस्ट्रेट ने पुलिस कप्तान की अपील पर पूर्व नियत तारीख 29 अप्रैल 2021 को बदल कर आगामी 08 अप्रैल 2021 को करते हुए इरफान पठान को नोटिस जारी कर दिया है जिसे बुधवार को इरफान पठान से तामील करवाई गई।
गुंडा एक्ट के तहत चल रही कार्यवाही मुकदमा के बीच पुलिस कप्तान की अपील पर नियत तारीख बदल कर शीघ्र मुकदमा सुनवाई लगाते हुए जिला प्रशासन ने इरफान पठान को जिला बदर के बॉर्डर पर खड़ा कर दिया है जिससे इरफान पठान के समर्थकों में आक्रोश नज़र आ रहा है हालांकि पुलिस प्रशासन का दावा है कि अगर पंचायत चुनाव के दौरान इरफान पठान जनपद में रहेंगे तो शांतिपूर्ण मतदान करना काफी मुश्किल होगा।
इरफान पठान पर होने वाली उक्त कार्यवाही को उनके समर्थक ज़ियाउद्दीन हत्याकांड से जोड़ कर देख रहे हैं। एआईएमआईएम के जिलाध्यक्ष व गाज़ी फाउंडेशन के अध्यक्ष मुराद अली ने सोशल मीडिया पर कड़ी आपत्ति जताते हुए कहा कि ज़ियाउद्दीन हत्याकांड में तत्कालीन स्वाट टीम प्रभारी व उनके हमराहियों पर मुकदमा दर्ज कराने में अगुवाई करने के कारण इरफान पठान को निशाना बनाया जा रहा है।