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अम्बेडकर नगर (आलम खान – एडिटर इन चीफ) सैंकड़ों वर्ष पुराने टाण्डा चिंतौरा में स्थित हकीम क्लब खेल मैदान को सिविल कोर्ट व हाई कोर्ट के आदेशों को दरकिनार कर तहसीलदार टाण्डा द्वारा भू-माफियाओं के पक्ष में दाखिल खारिज करने का मामला काफी तूल पकड़ता जा रहा है।
हकीम क्लब के महामंत्री ने तहसीलदार टाण्डा पर घोर भ्र्ष्टाचार का आरोप लगाते हुए अध्यक्ष राजस्व परिषद उत्तर प्रदेश सहित उच्चाधिकारियों को शिकायत भेज कर कड़ी कार्यवाही करने की मांग किया है।

प्राप्त जानकारी के अनुसार टाण्डा तहसील अंतर्गत नगर क्षेत्र से सटे ग्राम सभा चिंतौरा में स्थित गाटा संख्या 87 ख, 88व 89 क (लगभग चार बीघा) जो वर्ष 1920 से खेल मैदान हकीम क्लब ग्राउंड के रूप में प्रयोग होती रही और श्रेणी 6(2) के रूप में खेल मैदान दर्ज किया है। उक्त खेल मैदान पर बराबर फुटबाल मैच व हॉकी मैच क्रिकेट मैच होता चला आ रहा है लेकिन जानकारी के अनुसार कुछ जमींदार भूमाफियाओं द्वारा उक्त मैदान की जमीन पर खाता कायम करा लोया गया जिसके सम्बन्ध में महादेव प्रसाद ने वर्ष 1959 में एक मुकदमा मुंसिफ न्यायालय अकबरपुर में बा-उनवानी आदि बनाम हकीम अब्दुल जलील आदि रेगुलर शूट नम्बर 127/1959 जो 4,11,1961 को महादेव प्रसाद का दावा गुण दोष के आधार पर उस समय न्यायालय ने 37 वर्षों का कब्जा मानते हुए हकीम क्लब खेल मैदान मानते दावा खारिज कर दिया था।
उक्त आदेश से क्षुब्ध होकर महादेव प्रसाद आदि ने एक अपील संख्या 305/सन 1961 न्यायालय सिविल एंड सेशन जज फैजाबाद के यहां दायर किया जो 07 मार्च 1963 को खारिज हो गया। उसके बाद महादेब प्रसाद आदि ने एक अपील माननीय उच्च न्यायालय खंडपीठ लखनऊ में अपील नम्बर 287/1963 दायर किया जो 31 जनवरी 1964 को खारिज हो गई।
एक तरफ जहां हकीम क्लब का कब्जा उक्त मैदान पर बराबर बना हुआ है तो दूसरी तरफ महादेव प्रसाद के वारीशान शांति देवी पत्नी स्वर्गीय राम सरन आदि ने उक्त खेल मैदान को शाह आलम पुत्र गुलाम हुसैन निवासी मीरानपुर अकबरपुर के नाम बैनामा कर दिया। वर्ष 2009 से उक्त मामले को किसी तहसीलदार ने आदेश पारित नहीं किया।
हकीम क्लब के महामंत्री हेलाल अशरफ एडोवोकेट का आरोप है कि तहसीलदार टाण्डा बंशराज राम जो जल्द ही सेवानिवृत्त होने वाले हैं उन्होंने सारे आदेशों व लेखपाल आदि की रिपोर्ट व समस्त दस्तावेजों को दर किनार कर बिना साक्ष्यों का परिशीलन किये बीते 02 मई 22 को भुमाफियाओं से मिलकर आदेश पारित कर दिया जबकि उक्त मैदान पर सरकारी कार्यक्रम भी होते रहे और वर्ष 1932 में आ इंडिया विश्व हॉकी टूर्नामेंट भी हुआ था जिसके मुख्य अतिथि पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय पंडित जवाहर लाल नेहरू जी थे।
मौजूद समस्त सबूतों व गवाहों को दरकिनार करते हुए दावा किया गया कि तहसीलदार टाण्डा बंशराज राम ने फर्जी बैनामे के आधार पर लम्बी डील कर दाखिल खारिज का आदेश पारित कर दिया है।
हकीम क्लब के महामंत्री ने जिले की सबसे बड़ी भूमि सम्बन्धी घोटाले की जांच हेतु एक उच्च स्तरीय टीम गठित कर भ्र्ष्टाचार में लिप्त तहसीलदार बंशराज राम एवं अन्य भूमाफियाओं के विरुद्ध अभियोग पंजीकृत कराकर कार्यवाही की मांग की है।
बहरहाल हकीम क्लब के अस्तित्व पर खतरा पैदा हो गया है जिसको लेकर हक़ील क्लब टीम ने भी मोर्चा खोल दिया है और आमजनों के प्रयोग में होने वाले एक मात्र बड़े मैदान को किसी भी कीमत पर भूमाफियाओं के चंगुल में जाने से रोकने के लिए बड़ी लड़ाई लड़ने की योजना भी बना रहे हैं।