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बरसात में गरीबों का ढहाया गया घर मगर फुटपाथ पर खड़ा एटीएम नियम कानून का उड़ा रहा है मखौल

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अम्बेडकरनगर: एक ओर जहां लोक निर्माण विभाग (PWD) और राजस्व विभाग अतिक्रमण के नाम पर बरसात के मौसम में गरीबों के आशियाने ढहाकर उन्हें टूटी-फूटी दीवारों में रहने को मजबूर कर रहे हैं, वहीं दूसरी ओर विभाग की नाक के नीचे मुख्य सड़क के फुटपाथ पर अवैध रूप से लगाया गया इंडिया-1 एटीएम अधिकारियों की कामचोरी और लापरवाही की पोल खोल रहा है।

प्राप्त जानकारी आके अनुसार एटीएम लगाने के एवज में किराया भी वसूला जा रहा है। वही इसके पूर्व उसी तिराहे के मोड़ पर सुनील यादव द्वारा विभाग के जमीन पर शौचालय का गद्दा बनवाकर अतिक्रमण कर लिया गया। सूचना देने के बावजूद भी विभाग द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की गई जिससे लोगों द्वारा अतिक्रमण का कारण बढ़ता जा रहा है।
स्थानीय लोगों का कहना है कि यदि राजस्व और पीडब्ल्यूडी विभाग समय रहते अपनी जमीन को सुरक्षित कर स्पष्ट चिन्हांकन कर दें, तो न तो विभागीय जमीन पर अतिक्रमण होगा और न ही भविष्य में सड़क चौड़ीकरण के नाम पर लोगों के मकान तोड़े जाएंगे। इससे जनता का जन-धन भी सुरक्षित रहेगा। लोगों ने सवाल उठाया कि आखिर गरीबों के मकान तोड़ने में सक्रिय रहने वाला प्रशासन बड़े पैमाने पर खुलेआम खड़े अवैध निर्माण पर चुप क्यों है? क्या विभाग केवल कमजोरों पर ही अपनी ताकत दिखाता है।
वही इस संबंध में लोक निर्माण विभाग के अधिशासी अभियंता अश्वनी पांडे से वार्तालाप किया गया तो उन्होंने बताया कि किसी के द्वारा अथवा आपके द्वारा कोई शिकायती पत्र दिया जाए तो उसे पर हम लोगों द्वारा कार्रवाई की जाएगी।
अब सवाल यह उठता है कि लोक निर्माण विभाग की जमीन पर हो रहे अतिक्रमण को हटाने के लिए आम जनमानस अथवा पत्रकार किस आधार पर शिकायत दर्ज कराए क्या वह जमीन आम जनमानस अथवा पत्रकार की है। यदि सब कुछ आम जनमानस अथवा पत्रकार को ही करना है तो अधिकारी किस चीज की नौकरी करते हैं और किस आधार या किस बात का वेतन ले रहे हैं।

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