अम्बेडकरनगर (रिपोर्ट: आलम खान एडिटर) विश्व विख्यात दरगाह मखदूम अशरफ किछौछा शरीफ में मानव तस्कर गिरोह सक्रिय है जिसमें स्थानीय लोगों की सहभागिता से इनकार भी नहीं किया जा सकता है हालांकि पुलिस मानव तस्करी गिरोह की मौजूदगी से साफ इंकार कर रही है।
बसखारी थानाक्षेत्र में स्थित विश्व प्रसिद्ध दरगाह किछौछा में देश के कोने कोने से जायरीनों दर्शनार्थियों का पूरे वर्ष आना जाना लगा रहता है। धार्मिक स्थल होने के कारण आने जाने वालों का कोई रिकार्ड भी नहीं होता है और इसी बात का फायदा उठा कर मानव तस्कर गिरोह अपनी मंशा में सफल हो जाते हैं।
ताज़ा मामला 13 मार्च की रात्रि 08 बजे का है। प्रतापगढ़ जनपद निवासी मोहम्मद फारूख दरगाह में ही अपने परिवार के साथ रहकर चूड़ी आदि की दूकान चला रहे हैं। फारूख की पत्नी रेहाना बानो ने बताया कि चार पहिया वाहन संख्या यूपी 15 ए.के 0786 व यूपी 25 ए.डब्लू 9074 से आए बदमाशों द्वारा उनकी 10 वर्षीय पुत्री का मुंह बंद कर जबरन गाड़ी में बैठा लिया लेकिन इस बीच उसके छोटे भाई ने चीख पुकार मचाना शुरू कर दिया जिसके बाद स्थानीय लोगों की मदद से घेरा बन्दी की गई और दो लोग गाड़ी सहित पकड़ लिए गए जबकि अन्य बदमाश फरार होने में सफल हो गए।
पीड़िता की माँ रेहाना बानो ने बताया कि मौके ओर पहुंचे सिपाहियों न दोनों बदमाशों व दोनों गाड़ियों को अपने साथ ले गए। घटने के दो दिन बाद भी जब कोई कार्यवाही नहीं हुई तो पीड़िता द्वारा उच्च अधिकारियों से शिकयत दर्ज कराई गई जिसके बाद 16 मार्च की दोपहर 01:30 बजे बसखारी पुलिस ने अपराध संख्या 59/22 पर अज्ञात के खिलाफ आईपीसी की धारा 363 के तहत मुकदमा दर्ज कर इतिश्री कर लिया।
सिपाहियों द्वारा ले जाये गए दोनो बदमाशों को छोड़ दिये जाने से जायरीनों व स्थानीय लोगों में आक्रोश है। पुलिस ने मामले की जांच अमर नाथ यादव को सौंप दिया है। बड़ा सवाल ये पैदा होता है कि पकड़े गए बदमाशों ने कड़ाई से पूंछतांछ क्यों नहीं कि गई और उन्हें न्यायालय में भेजने से पहले दोषमुक्त क्यों कर दिया गया। चर्चा है कि मानव तस्कर गिरोह को स्थानीय सहयोग भी प्राप्त हो सकती है जिसके कारण मामला पटाक्षेप कर दिया जाता है जबकि उक्त मामले की गंभीरता स्व जांच पड़ताल की जाती तो मानव तस्कर के बड़े गिरोह का अवश्य पर्दाफाश किया जा सकता था। आपको बताते चलेंकि दरगाह किछौछा से पूर्व में भी दर्जनों की संख्या में गायब हुए लोगों का आज तक कोई सुराग नहीं मिल सका है जबकि उनके परिजन दरबदर ठोकरें कहा रहे हैं।