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लखनऊ/अम्बेडकरनगर (रिपोर्ट: आलम खान – एडिटर इन चीफ) प्रदेश में कपड़ा व्यवसाय पर बड़ा खतरा मंडराने लगा है जिसके कारण बुनकर नेताओं की नींद हराम हो चुकी है। शासन स्तर पर बुनकर नेता वस्त्रोद्योग को बचाने की गोहार लगा रहे हैं तथा किसानों की तरह बुनकरों को भी फ्लैट रेट पर बिजली सप्लाई उपलब्ध कराने की मांग कर रहे हैं। बुनकर प्रतिनिधियों ने नई व्यवस्था न आने तक फ्लैट रेट पर बिल भुगतान कराने की मांग किया है क्योंकि बुनकर प्रतिनिधियों को भय है कि समय के साथ गरीब बुनकर बिजली विभाग का अधिक बकायेदार हो जाएगा जिससे छोटे बुनकर तबाह व बर्बाद हो जाएंगे।
फ्लैट रेट बिजली व्यवस्था बहाल करने की लड़ाई में अहम भूमिका अदा कर रही उत्तर प्रदेश बुनकर सभा द्वारा लगातार सम्बन्धित प्रशासनिक अधिकारियों व सरकार के निकटतम लोगों से भेंट कर अपनी मांग की जा रही है।
सोमवार को उत्तर प्ररेश बुनकर सभा के एक प्रतिनिधि मंडल ने खादी भवन लखनऊ में हथकरघा मंत्री राकेश सचान व अपर मुख्य सचिव अमित मोहन से भेंट कर मांग किया कि बुनकरों को बिजली सप्लाई फ्लैट रेट पर उपलब्ध कराई जाए जिससे प्रदेश में कपड़ा व्यवसाय को बचाया जा सके। ज्ञापन के माध्यम से मांग की गई कि शासन स्तर पर वार्ता का दौर जारी है लेकिन इस दौरान बिजली विभाग व बुनकरों के बीच बिल भुगतान को लेकर काफी उहापोह की हालत बनी हुआ है जो कभी कभी मारपीट तक कि नौबत आ जाती है इसलिए बुनकरों से पावर लूमों की बिलों के भुगतान 14 जून 2016 के शासनादेश के अनुसार कराया जाए।
विधायक रफ़ीक अंसारी के नेतृत्व में पहुंचे प्रतिनिधि मंडल में मुख्य रूप से उत्तर प्रदेश बुनकर सभा के प्रदेश अध्यक्ष हाजी इफ्तेखार अहमद अंसारी, हाजी रईसुद्दीन मेरठ, हाजी इमामुद्दीन संतकबीरनगर, तफ़ज़्ज़ुल हुसैन बाराबंकी, अकील अंसारी वाराणसी, हाजी मक़बूल सरदार वाराणसी, ऐनुल मुज़फ़्फ़र मोहमदाबाद, नदीम अंसारी जलालपुर, वकील अहमद संडीला, इद्रीस अंसारी वाराणसी, निसार अहमद जलालपुर, हाजी अतीक़ मेरठ, ज़फ़र ज़मील खैराबाद, जलालुद्दीन अंसारी वाराणसी, शम्सुद्दीन इटावा, हफ़ीज़ अंसारी बाराबंकी, जर्रार खलीलाबाद आदि मौजूद रहे।
ज्ञापन के माध्यम से अवगत कराया गया कि 2016 की तत्कालीन प्रदेश सरकार ने लघु उद्योग के उत्थान व विकास के लिए वस्त्रोद्योग (बुनाई) से जुड़े लोगों को बड़ी राहत देते हुए फ्लैट रेट बिजली भुगतान व्यवस्था का शासनादेश जारी किया था जिसके अनुसार बुनकर भुगतान करता था जिसके कारण बिजली विभाग के उत्पीड़न से बुनकरों को राहत मिल गई थी लेकिन 04 सितंबर 2019 को हथकरघा विभाग द्वारा शासनादेश जारी कर 14 जून 2016 के आदेश को समाप्त कर बुनकरों पर पुनः मीटर रीडिंग बिजली भुगतना व्यवस्था लागू कर दिया जोसके बाद बुनकरों का पुनः उत्पीड़न शुरू हो गया और सरकार द्वारा बिजली भुगतान में राहत ना मिलने से बुनकर परिवारों के सामने रोजी रोटी की बड़ी जटिल समस्या पैदा हो गई हालांकि मौजूदा सरकार ने बुनकरों की समस्याओं को प्रमुखता से हल करने ल उद्देश्य से 31 जुलाई 2020 तक तक 2016 की फ्लैट रेट व्यवस्था बहाल करते हुए 01 अगस्त 2020 से नई व्यवस्था लागू करने को कहा था जिस सम्बन्ध में शासन द्वारा बुनकर नेताओं से प्रस्ताव भी मांगा गया था। बुनकरों के फ्लैट रेट प्रस्ताव के बाद भी 01 अगस्त 2020 को नया शासनादेश नहीं जारी हुआ जबकि 17 नवम्बर व 25 नवम्बर 2020 को हथकरघा मंत्री ने बुनकर प्रतिनिधियों के साथ बैठक भी किया गया। इस दौरान कोई महत्वपूर्ण आदेश जारी नहीं हुआ लेकिन बिजली विभाग द्वारा बुनकरों का कनेक्शन काटा जाने लगा जिसपर 03 फरवरी 2022 को मुख्य सचिव के आदेश के बाद बुनकरों को थोड़ी राहत मिली। फ्लैट रेट बिजली सप्लाई व्यवस्था के लिए बुबकर प्रतिनिधियों द्वारा 08 जून 2022 को पुनः हथकरघा मंत्री के साथ बैठक की गई जिसमें सरकार के मंत्री ने आश्वासन दिया था कि बहुत जल्द फ्लैट रेट व्यवस्था का शासनादेश जारी होगा। बुनकर प्रतिनिधियों ने मांग किया है कि जब तक नया शासनादेश ना आ जाये तब तक बुनकरों को फ्लैट रेट व्यवस्था के अनुसार बिलों का भुगतान कराएं अन्यथा बुनकर कर्ज़दार होता जाएगा और अंत में बुनकरों के सामने बड़ी समस्या पैदा हो जाएगी।

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