अम्बेडकरनगर (रिपोर्ट: फखरे आलम खान-मान्यता प्राप्त पत्रकार) शासन की मंशानुसार जिलाधिकारी ने नगरीय क्षेत्रों में साप्ताहिक बंदी का दिन तय कर रखा है जिसके अनुसार औद्योगिक नगरी टाण्डा में साप्ताहिक बन्दी रविवार को धोषित की गई है लेकिन श्रम विभाग की घोर लापरवाही के कारण टाण्डा में बन्दी का असर समाप्त हो गया है जिसके कारण दुकानदारों के परिजनों में काफी आक्रोश व्याप्त रहता है। दूसरी तरफ श्रम विभाग के कार्यालय पर लटकता ताला श्रमिकों व दुकानदारों के माखौल उड़ाता नज़र आ रहा है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार औद्योगिक नगरी टाण्डा में श्रम विभाग का कार्यालय शो-पीस बन चुका है। टाण्डा में श्रम प्रवर्तन अधिकारी का पद तो सृजित है और सम्भवता फाइलों में तैनाती भी होती है लेकिन कार्यालय पर सदैव ताला लटकता नज़र आता है। चर्चा है कि स्थानीय स्तर पर श्रम प्रवर्तन अधिकारी को नहीं भेजा जाता है बल्कि किसी चतुर्थ श्रेणी कर्मी के सहारे जिला स्तर के अधिकारी अवैध वसूली करा कर मोटी मलाई खाने में जुटे रहते हैं।
टाण्डा नगर क्षेत्र में रविवार की सप्ताहिक बंदी का असर समाप्त होने से उन दुकानदारों में भी आक्रोश व्याप्त है जो शासन की मंशा व जिलाधिकारी के आदेश पर अपनी दुकानों व प्रतिष्ठानों को बंद रखते हैं लेकिन उनकी दुकानों के आसपास अन्य दुकानें खुली होने से मानव स्वभाव के अनुसार बुरा लगता है। साप्ताहिक बंदी कराने में व्यपार मंडल की भूमिका भी संदिग्ध है जिसकी क्षेत्र में चर्चाएं हो रही है।