अम्बेडकरनगर: देश में मुस्लिम समाज द्वारा आगामी 21 जुलाई से तीन दिवसीय सबसे बड़े त्योहार ईद उल अज़हा अर्थात बकरीद पर्व मनाया जाएगा जिसकी तैयारियां काफी जोरशोर से जारी है। विश्व स्तरीय वैश्विक महामारी के दौरान पड़ने वाले बकरीद पर्व को दृष्टिगत करते हुए इस्लामिक धार्मिक संस्थाओं ने मुस्लिम समाज से विशेष अपील जारी किया है।
औद्योगिक नगरी टांडा की प्रमुख धार्मिक संस्था अदारे शरैय्या ने ईद उल अज़हा पर्व पर मुस्लिम समुदाय से विशेष अपील किया है कि पाबन्दी शुदा जानवरों की कुर्बानी कदापि ना करें क्योंकि देश का कानून जिस जानवर की कुर्बानी की अनुमति नहीं देता है उस जानवर की कुर्बानी अल्लाह पाक के यहां भी कबूल नहीं होती है। कुर्बानी को किसी भी दशा में खुले स्थानों पर ना करें और कुर्बानी के दौरान खून, मलबा आदि को बाहर ना फेंके क्योंकि कुर्बानी के जानवर का प्रत्येक भाग पवित्र होता है इसलिए उसे सड़कों, कूड़ेदानों, नालियों आदि में ना फेंके बल्कि उसे दफन कर दें और वैश्विक महामारी के दौरान शासन द्वारा जारी कोविड-19 प्रोटोकॉल का कड़ाई से पालन करें। अदारे शरैय्या की तरह देश की प्रख्यात धार्मिक व सामाजिक संस्था जमीयतुल उलेमा हिन्द की अम्बेडकरनगर यूनिट के जनरल सेक्रेटरी मुफ़्ती म्हबुबुर्रहमान ने भी विशेष करबमुस्लिम समुदाय से अपील करते हुए कहा है कि कोई भी पर्व त्यौहार आपसी गिला शिकवा को भुला कर एक दूसरे को प्यार से गले लगाने का सुनहरा मौका होता है। उन्होंने कहा कि आगामी तीन दिवसीय पर्व के दौरान हमारे किसी भी कार्य से मुल्क के दूसरे धर्म के लोगों को किसी तरह की कोई तकलीफ नहीं होनी चाहिए और पूरी साफ सफाई व कुर्बानी के नियमों का पालन करते हुए अपना हक अदा करना चाहिए। श्री महबुबुर्रहमान ने कोविड-19 के तहत एक दूसरे से उचित दूरी बनाने, मास्क लगाने की अपील करते हुए कहा कि जानवरों की कुर्बानी बन्द स्थानों पर की जाए तथा कुर्बानी का कोई भी हिस्सा फेंका ना जाये बल्कि खराब भागों को नियमनुसार दफन कर दिया जाए।
अदारे शरैय्या व जमीउतुल उलेमा जिला अम्बेडकरनगर की टीम के अलावा मदरसा कंजुल उलूम, मदरसा ऐनुल उलूम आदि व जनपद के अन्य धार्मिक संस्थाओं व विद्वानों ने भी अपील लड़ते हुए तीन दिवसीय ईद उल अज़हा पर्व को शांतिपूर्ण व साफ सफाई के साथ बिना किसी को तकलीफ दिए मनाने की अपील किया है।