अम्बेडकरनगर (सूचना न्यूज़ कार्यालय) टाण्डा तहसील परिक्षेत्र के रसूलपुर में स्थित विश्व विख्यात सूफी हज़रत सैय्यद मखदूम अशरफ जहांगीर सिमनानी की दरगाह किछौछा में वार्षिक उर्से मखदूमी के 635वें उर्स का आगाज़ गुरुवार को बड़ी सादगी के साथ किया गया। कोविड 19 कि महामारी को देखते हुए पूर्व वर्ष की तरह इस वर्ष भी उद्घाटन कार्यक्रम स्थगित कर दिया गया। परंपरानुसार शुक्रवार को देश के कोने कोने से आए फोकराओं द्वारा गनीदार शाह के नेतृत्व में रस्म की अदायगी की जाएगी।
शनिवार को सज्जादानशीन हज़रत सैय्यद शाह मोइनुद्दीन अशरफ उर्फ मोईन मियां ख़िरका मुबारक धारण कर गागर की रस्म अदायगी करते हुए आस्ताना-ए-आलिया पर विश्व शांति की विशेष दुआ कराएंगे जबकि रविवार को सज्जादानशीन हज़रत मौलाना सैय्यद शाह हसीन अशरफ उर्फ हसीन मियां किछौछा से पालकी से दरगाह आस्ताना पर आ कर दुआ ख्वानी कराएंगे।
दरगाह मखदूम अशरफ के मोतवल्ली व सज्जादानशीन हज़रत मौलाना सैय्यद शाह मोहिउद्दीन अशरफ सोमवार अर्थात 27 मोहर्रम को प्राचीन ख़िरका मुबारक धारण कर रस्म अदायगी करेंगे जबकि मंगलवार अर्थात 28 मोहर्रम को उसी पवित्र ख़िरका मुबारक को सरपरस्त आला सज्जादानशीन हज़रत मौलाना सैय्यद शाह फखरुद्दीन अशरफ उर्फ फखर मियां धारण कर विधवा शांति की दुआ करेंगे।
दरगाह किछौछा की मरकज़ी तंज़ीम खुद्दामे आस्ताना (केंद्रीय सेवादार समिति) के अध्यक्ष मौलाना मो. क़ासिम अशरफी ने उर्से में आये जायरीनों का स्वागत करते हुए अपील किया कि सभी कार्यक्रमों की रस्म अदायगी में कोविड 19 प्रोटोकॉल का अवश्य पालन करें।
कार्यक्रम का समापन दाखौल की रस्म अदायगी के साथ किया जाएगी तथा प्रतिदिन होने वाली कव्वाली को भी अल्प समय के लिए ही आयोजित किया जाएगा तथा सभी कार्यक्रमों के दौरान कोविड 19 प्रोटोकाल का पालन करने की अपील की गई है।