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बुनकरों की पासबुक व्यवस्था बहाल रखने का मसौदा तैयार कर सरकार के समक्ष पेश करने के लिए मऊ के पूर्व चेयरमैन अरशद जमाल व टाण्डा के पूर्व चेयरमैन हाजी इफ्तेखार अंसारी को संयुक्त रूप से ज़िम्मेदारी सौंपी गई है तथा 31 मार्च से पहले सरकार व बुनकरों के बीच सहमति बनना अतिआवश्यक है।
उक्त जानकारी देते हुए टाण्डा नगर पालिका परिषद के पूर्व अध्यक्ष हाजी इफ्तेखार अंसारी ने बताया कि बृहस्पतिवार को प्रदेश के कोने-कोने से आए बुनकर प्रतिनिधियों व वाराणसी के एमएलसी अशोक धवन के बीच प्रदेश मुख्यालय लखनऊ के वीवीआईपी गेस्ट हाउस में विस्तृत चर्चा हुई तथा इसके उपरांत सरकार के समक्ष सही तरह से बुनकरों की मांग रखने के लिए मसौदा तैयार करने के सम्बंध में प्रधानमंत्री के चुनाव प्रभारी व संसदीय कार्य मंत्री नीलकण्ड तिवारी के आवास पर अशोक धवन के साथ बैठक हुई जिसमें श्री धवन ने मऊ के पूर्व नगर पालिका अध्यक्ष अरशद जमाल व टांडा के पूर्व चेयरमैन हाजी इफ्तेखार अंसारी को संयुक्त रूप से सरकार के सामने पेश करने वाला मसौदा तैयार करने की ज़िम्मेदारी सौंपी जिसका मौजूद सभी बुनकर समितियों व प्रतिनिधियों ने स्वागत किया। श्री अंसारी ने बताया कि हथकरघा एवं वस्त्रोद्योग मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह व प्रमुख सचिव हथकरघा रमारमण के साथ खादी भवन के कांफ्रेंस हाल में भी बैठक हुई जिसमें श्री सिंह ने आश्वासन दिया कि आगामी कैबिनेट की बैठक में 31 मार्च तक पुरानी योजना के लिए उनके विभाग से अनुमोदन कर दिया गया है लेकिन 31 मार्च से पहले सरकार व बुनकरों के बीच किसी बात पर सहमति हो जाना चाहिए।
अरशद जमाल व हाजी इफ्तेखार अन्सारी ने संयुक्त रूप से कहा कि पासबुक व्यवस्था बहाल रखने के लिए प्रयासरत हैं लेकिन आवश्यकता पड़ी तो प्रति माह प्रति हॉर्सपावर 300 यूनिट बिजली पर सब्सिडी की मांग रखी जाएगी। श्री धवन ने आश्वासन दिया कि अगले सप्ताह वित्त मंत्री सुरेश खन्ना व ऊर्जा मंत्री से भेंट कर बुनकरों की सब्सिडी 150 करोड़ रुपये बढ़ाने की अपील की जाएगी। अरशद जमाल व हाजी इफ्तेखार अंसारी ने एमएलसी अशोक धवन का विशेष धन्यवाद ज्ञापित करते हुए प्रदेश के कोने-कोने से आए बुनकर प्रतिनिधियों स्वगात किया तथा संयुक्त रूप से अपेक्षा किया कि आपसी मतभेद को भुला कर बुनकर हित के लिए एक जुट होकर सरकार के समक्ष अपनी मांग रखें जिससे सरकार तक बुनकरों की बात मज़बूती से पहुंच सके।
आपको बताते चलेंकि बिजली विभाग व बुनकरों के बीच चेकिंग के दौरान ओवर लोडिंग आदि को लेकर प्रतिदिन काफी हंगामा होता देख 2006 में तत्कालीन मुलायम सिंह यादव सरकार ने बुनकरों को बड़ा तोहफा देते हुए फ्लैट रेट पासबुक व्यवस्था शुरू किया था जिसके तहत बुनकरों को प्रति हार्सपावर प्रति माह मात्र 143 रुपए ही बिजली विभाग को अदा करना होता था लेकिन प्रदेश सरकार को शिकायतें प्राप्त हुई कि बुनकर कनेक्शन के नाम पर काफी फ़र्ज़ी कनेक्शन चल रहे हैं तथा काफी समय से फ्लैट रेट में बढ़ौतरी भी नहीं हुई है। प्रदेश सरकार ने गत दिनों शासनादेश जारी कर फ्लैट रेट व्यवस्था 01 जनवरी 2020 से समाप्त कर बुनकरों को सब्सिडी सीधा उनके खातों में देने का निर्देश दिया था। मीटर रीडिंग व्यवस्था पुनः शुरू होने की खबर से बुनकरों में हड़कम्प मच गया जिसके बाद पूरे प्रदेश के बुनकरों ने आक्रोश प्रकट कर विरोध दर्ज करना शुरू किया और बुनकरों ने 01 जनवरी से पूरे प्रदेश में बुनाई पेशा से जुड़े सभी कारोबार को बंद करने का ऐलान कर दिया जिसके बाद सरकार ने एक कदम पीछे हटते हुए बुनकरों को 31 मार्च तक पुराने व्यवस्था बहाल कर दिया हालांकि सरकार के इस फैसले में वाराणसी के भाजपा नेता व एमएलसी अशोक धवन का महत्वपूर्ण योगदान रहा। बहरहाल प्रदेश का बुनकर समाज जहाँ आर्थिक तंगी से जूझ रहा है वहीं पर प्रदेश सरकार उनका उत्थान करने के स्थान पर उन पर आर्थिक बोझ डाल रहा है जिससे प्रदेश का कपड़ा उत्पादन काफी बुरी तरह प्रभावित होने स्वाभाविक है और इसी कारण बुनकर प्रतिनिधि कपड़ा उत्पादन को बचाने तथा बुनकर समाज को आगामी बजट में सब्सिडी बढ़ाने की मांग करते राजनेताओं सहित विभागीय अधिकारियों की चौखटों तक दौड़ लगते नज़र आ रहे हैं।

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