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अम्बेडकरनगर: सुल्तान सैय्यद शाह मखदूम अशरफ जहांगीर सिमनानी के 634 वें उर्स मुक़द्दस के अवसर पर दरगाह किछौछा में स्थित ख़ानक़ाह अशरफिया हसनिया सरकार कलाँ में वार्षिक उर्स की प्राचीन रस्मों को बड़ी सादगी व कोरोना प्रोटोकॉल का पालन करते हुए अदा की जाएगा। सज्जादानशीन हजरत अल्लामा मौलाना हाजी सैय्यद महमूद अशरफ अशरफी जिलानी किछौछवी ने बताया कि कोविड 19 महामारी के कारण सभी जायरीनों को ख़ानक़ाह आने से मना कर दिया गया है लेकिन सैकड़ों वर्ष पुरानी रस्मों का बड़ी सादगी व मात्र परिवार के लोगों के बीच निर्वाह किया जाएगा हालांकि उक्त सीमित कार्यक्रमों का लाइव प्रसारण इज़हार चैनल पर भी देखा जा सकेगा। आपको बताते चलेंकि ख़ानक़ाह अशरफिया हसनिया सरकार कलाँ दरगाह रसूलपुर किछौछा में बड़ी सादगी के साथ परचम कुशाई की रस्म अदा होगी तथा 27 मोहर्रम अर्थात 16 सितंबर दिन बुधवार को सज्जादानशीन हजरत अल्लामा मौलाना हाजी सैय्यद महमूद अशरफ अशरफी जिलानी किछौछवी के पैतृक आवास किछौछा शरीफ से मुए मुबारक ख़ानक़ाह अशरफिया हसनिया सरकार कलाँ दरगाह रसूलपुर लाया जाएगा तथा इसी तरफ 28 मोहर्रम अर्थात 17 सितंबर दिन गुरुवार को सैकड़ों वर्ष पुरानी परंपरा का निर्वाह करते हुए पालकी पर सवार होकर सज्जादानशीन हजरत अल्लामा मौलाना हाजी सैय्यद महमूद अशरफ अशरफी जिलानी किछौछवी अपने आवास से अपने परिवार के मात्र चन्द लोगों के साथ ख़ानक़ाह अशरफिया हसनिया सरकार कलाँ दरगाह रसूलपुर किछौछा में आएंगे। कोरोना प्रोटोकॉल का पालन करते हुए इस बार मुए मुबारक व अन्य तबर्रुकात तथा ख़िरका पोशी की जियारत मैदान में नहीं कराई जायेगी बल्कि सभी तबर्रुकात की जियारत (दर्शन) मात्र परिवार के लोगों को नशिस्त गाह (हाल) ही में कराया जाएगा। उक्त समस्त कार्यक्रमों की पूर्ण सूचना खानकाहे अशरफिया हसनिया सरकारे कलाँ द्वारा जिलाधिकारी व मुख्यमन्त्री को लिखित तौर पर भेजी गई है।
बहरहाल खानकाहे अशरफिया हसनिया सरकारे कलाँ में जहां प्रत्येक वर्ष उर्स मखदूम अशरफ के दौरान लाखों की भीड़ होती थी तथा कई कार्यक्रमों का आयोजन होता था वहीं कोरोना प्रोटोकॉल के कारण सभी कार्यक्रमों को स्थगित ही हैं किया गया बल्कि जायरीनों को भी खनकाह आने से मना कर दिया गया हालांकि सैकड़ों वर्ष प्राचीन परंपरा का निर्वाह करते हुए सज्जादानशीन के पैतृक आवास किछौछा शरीफ से मुए मुबारक व पालकी बड़ी ही सादगी व मात्र परिवार के 10, 12 लोगो के साथ ही लाई जाएगी तथा तबर्रुकात आदि की जियारत श्रद्धालुओं को इज़हार चैनल के माध्यम से कराई जाएगी।

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