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इस्लामिक विद्वानों द्वारा देश में संचालित मदरसों को आजकल मात्र अरबी व उर्दू भाषा की शिक्षा का केंद्र ही माना जाता है लेकिन किछौछा में स्थित रूहानी इलाज के लिए विश्व प्रसिद्घ दरगाह सूफी संत मखदूम अशरफ के वंशज ने 200 युवाओं व युवतियों को पुलिस सेवा अमे भर्ती कराने की निःशुल्क कोचिंग व फिजिकल ट्रेनिंग उपलब्ध करा मौजूदा मदरसों की तश्वीर बदल कर रख दिया है जिसकी काफी सराहना हो रही है।अम्बेडकरनगर जनपद की तहसील टाण्डा के किछौछा में विश्व पटल पर आध्यात्मिक इलाज़ का केंद्र मानी जाने वाली प्रसिद्ध दरगाह सुल्तान सिमनान हज़रत सैय्यद मखदूम अशरफ जहाँगीर मौजूद है जहां प्रतिवर्ष करोड़ो लोगों का आना जाना निरंतर लगा रहता है और मान्यता है कि यहां लोग रोते हुए आते हैं लेकिन हँसते हुए वापस लौटते हैं। उक्त दरगाह से जुड़े काफी लोग देश ही नहीं बल्कि विदेश में भी मखदूम अशरफ का परचम बुलंद कर रहे हैं। किछौछा दरगाह के सज्जादानशीन व मखदूम अशरफ के वंशज अल्लामा मौलाना हाजी सैय्यद मोइनुद्दीन अशरफ (मोईन मियाँ) अशरफी उल जिलानी ने देश की सेवा के लिए अपने दिलों में ज़ज़्बा दबाए हुए युवाओं को सुनहरा अवसर ही नहीं प्रदान किया बल्कि मौजूदा मदरसों की तश्वीर ही बदल कर रख दिया है। मुम्बई के ग्राण्ट रोड छोटा सोनापुर में संचालित मदरसा जामिया कादरिया अशरफिया के अध्यक्ष मखदूम अशरफ के वंशज हज़रत सैय्यद मोइनुद्दीन अशरफ अशरफी उल जिलानी द्वारा इस मदरसे के माध्यम से 200 युवाओं को पुलिस सेवा में भर्ती कराने के लिए ट्रेनिंग शुरू करवा दिया गया है। मदरसा से सटे बड़े मैदान में युवाओं व युवतियों को अलग अलग बैच में फिजिकल ट्रेनिंग दी जाती है तथा लिखित परीक्षा के लिए क्लासेज़ भी चलाई जा रही है। विशेष रूप से इन 200 छात्र छात्राओं को मराठी भाषा की ट्रेनिंग कराई जा रही है। छात्रों के लिए मदरसा कैम्पस में ही रहने व खाने की भी व्यवस्था की गई है।साहिबे सज्जादा श्री मोईन अशरफ द्वारा उक्त सभी ट्रेनिंग व सुविधाएं निःशुल्क उपलब्ध कराई जा रही है। आपको बताते चलेंकि गत दिनों मदरसा के बैनर पर महाराष्ट्र पुलिस सेवा में काम करने के इच्छुक युवाओं व युवतियों की ट्रेनिंग के लिए आवेदन मांगा गया था जिसमें 1300 लोगों ने आवेदन किया था। अवेदन कर्ताओं की फिजिकल ट्रेनिंग के बाद 200 छात्र छात्राओं का चयन मदरसा द्वारा बनाई गई समिति ने किया और सभी छात्र छात्राओं की क्लासेज़ विधिवत शुरू कराने के साथ ही साथ उनकी फिजिकल ट्रेनिंग भी शुरू करा दी गई है। आज के समय में जहाँ मदरसों को मात्र अरब व उर्दू भाषा मे ज्ञान अर्जित करने का केंद्र माना जा रहा है वहीं हज़रत अल्लामा मौलाना सूफी संत सैय्यद मखदूम अशरफ जहाँगीर सिमनानी के वंशज व दरगाह किछौछा के सज्जादानशीन अल्लामा मौलाना हाजी सैय्यद शाह मोइनुद्दीन अशरफ अशराफिया उल जिलानी द्वारा 200 युवाओं को पुलिस सेवा में भर्ती कराने की निःशुल्क ट्रैनिंग शुरू कर मात्र मदरसों की क्रिया कलापों को ही हैं बदला बल्कि युवाओं में देश के प्रति मुहब्बत का ज़ब्ज़ा अत्याधिक गहरा कर दिया है।
बहरहाल मौजूदा समय में अरबिक व उर्दू भाषा अर्जित करने का केंद्र बन चुके मदरसों को साहिबे सज्जादा मोईन अशरफ ने आईना दिखाते हुए जमीनी स्तर पर कार्य शुरू करा दिया है जिसकी चारों तरफ भूरी भूरी सराहना हो रही है।

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