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अम्बेडकरनगर जनपद की तहसील टाण्डा व थानाक्षेत्र बसखारी में स्थित रसूलपुर दरगाह में प्रत्येक वर्ष इस्लामिक महीना के मोहर्रम के अंतिम सप्ताह में सुल्ताने सिमनान हज़रत मौलाना सैय्यद शाह मखदूम अशरफ जहाँगीर का वार्षिक उर्स काफी हर्षोउल्लास व श्रद्धा के साथ मनाया जाता रहा है लेकिन इस वर्ष 634 वें उर्स पर वैश्विक महामारी के कारण अधिकांश कार्यक्रमों को स्थगित कर दिया गया है और मात्र विशेष रस्मों को ही कोरोना प्रोटोकॉल का पालन करते हए सम्पन्न कराया गया। विश्व प्रख्यात ख़ानक़ाह अशरफिया हसनिया सरकारे कलाँ में भी विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किया जाता था लेकिन कोरोना प्रोटोकॉल के कारण इस वर्ष उर्से मखदूमी पर अधिकांश कार्यक्रमों को स्थगित कर दिया गया तथा कई रस्मों को भी कोरोना संक्रमण के कारण काफी सावधानी पूर्वक अदा की गई तथा खानदान (परिवार) के सदस्यों के अलावा बाहरी जायरीनों (श्रद्धालुओं) के लिए खानकाह का मुख्य द्वार बंद रखा गया। ख़ानक़ाह अशरफिया मिरानिया गुलशने सरकारे शाह मीरा में भी उर्स मखदूम अशरफ पर विभिन्न कार्यक्रमों को सोशल डिस्टेंडिंग का पालन करते हए मनाया गया।किछौछा शरीफ से ख़ानक़ाह आने वाला ऐतिहासिक जुलूसे गौसिया (पालकी जुलूस) को इस बार स्थगित कर दिया गया और सज्जादानशीन अल्लामा मौलाना हाजी सैय्यद शाह महमूद अशरफ अशरफी जिलानी किछौछवी व इस्लामिम तबर्रुकात (विशेष वस्तुएं) को फूलों से सजे चार पहिया वाहन के माध्यम से किछौछा शरीफ से ख़ानक़ाह अशरफिया हसनिया सरकारे कलाँ लाया गया। 28 मोहर्रम की शाम को सुल्ताने सिमनान सूफी संत हज़रत अल्लामा मौलाना सैय्यद शाह मखदूम अशरफ जहाँगीर ने दुनिया को अलविदा कहा था इसलिए 28 मोहर्रम अर्थात 17 सितंबर दिन गुरुवार की शाम को ख़ानक़ाह अशरफिया हसनिया सरकारे कलाँ में विशेष दुआ ख्वानी की गई जिसका लाइव प्रसारण इज़हार चैनल पर किया गया। सज्जादानशीन अल्लामा मौलाना हज़रत सैय्यद शाह महमूद अशरफ अशरफी जिलानी ने जिस अंदाज में दुआ मांगी उसे देखकर शरीर के रोंगटे खड़े हो गए और ना चाहते हुए भी लोगों ने हाथ उठा कर अपनी झोली फैला दिया। सैकड़ों वर्ष पुरानी दुआ की परंपरा का निर्वाह इस बार कोरोना प्रोटोकॉल का पूरी तरह पालन करते हुए किया गया। उक्त अवसर लार खानदान के लोग मौजूद रहे। ख़ानक़ाह अशरफिया मिरानिया गुलशने सरकारे शाह मीरां में नात ख्वानी का कार्यक्रम सम्पन्न हुआ वार्षिक उर्स को पोइरी श्रद्धा व आस्था के साथ मनाया गया।

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