बलिया (रिपोर्ट: अखिलेश सैनी) अपनी असीम मेधा व समर्पण की भावना से सरायभारती- रसड़ा निवासी रामकृष्ण राम मौर्य ने कठित परिस्थितियों में भी धैर्य नहीं खोया और लगभग 15 वर्ष के अथक प्रयास के बाद हिंदु धर्म की पावन पुस्तक श्रीमद् भागवत गीता में वर्णित संस्कृत के श्लोकों को हिंदी में रूपांतरित कर साहित्य जगत में एक नया कृर्तिमान स्थापित किया है। शुक्रवार की सायं रसड़ा के छितौती स्थित उनके प्रतिष्ठान पर समारोह के बीच उन्होंने विशिष्ट जनों के साथ हिंदी रूपांतरित गीता (कृष्ण रूपायन) का विमोचन किया। रामकृष्ण राम मौर्य मूलत: सरायभारती-रसड़ा के निवासी हैं जिन्होंने बतौर सहायक अध्यापक गांधी मेमोरियल इंटरमीडिएट कालेज बहादुरगंज गाजीपुर संस्कृत अध्यापक के रूप में कार्य करते हुए लगभग 15 वर्षों से अपनी धर्म पत्नी सिद्धान्ती देवी व अन्य के प्रयास व लगन से उन्होंने गीता में वर्णित सभी संस्कृत के श्लोकों को हिंदी में (कृष्ण रूपायन) लिखकर गीता को जन-जन का प्रिय बनाने की दिशा में नये साहित्य की शुरूआत की है। पत्रकारों से बातचीत में उन्होंने बताया कि गीता भारतीय संस्कृति की धरोहर है। संस्कृत में वर्णित श्लोकों को हर कोई नहीं पढ़ पाता था इस लिए इसे हिंदी में रूपातंरित करने का कार्य किया गया ताकि गीता में वर्णित भावों एवं संदेशों को आमजन मानस ग्रहण कर सके। समारोह मे सिद्धांती देवी, वरूण कुमार मौर्य, ओम कुमार, मयंक कुशवाहा, संजय कुमार आदि मौजूद रहे।