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अम्बेडकरनगर (रिपोर्ट: आलम खान एडिटर) शुक्रवार को यौमे आशूरा के अवसर पर नम आंखों से ऐतिहासिक व मार्मिक कर्बला की जंग में शहीद होने वालों का पुरसा दिया गया। गुरुवार देर रात्रि में इमाम चौक पर परम्परानीसर ताजिया रखा गया जिसे शुक्रवार सुबह अलग अलग ले जाकर दफन किया गया। पूरे जनपद में काफा शान्तिपूर्ण ढंग से यौमे आशूरा का दिन रहा हालांकि अलीगंज थाना क्षेत्र के हिथुरी दाऊदपुर में ताजिया ले कर जाने वाले मार्ग पर गत वर्षों की तरह विवाद बना रहा लेकिन अलीगंज थाना ओर तैनात एसएसआई हीरालाल यादव की सूझबूझ के कारण मामले को शांत कराया जा सका। औद्योगिक बुनकर नगरी टाण्डा में 10वीं मोहर्रम पर निकलने वाला ऐतिहासिक जुलूस कोविड 19 प्रोटोकॉल के कारण स्थगित रहा। सुन्नी समुदाय द्वारा अलीगंज के सलारगढ़ व अधिकांश शिया समुदाय द्वारा कर्बला शाहबाग में ताजिया तफन किया गया। टाण्डा के आसोपुर गाँव मे स्थित शाहबाग कर्बला जाने वाले मार्ग पर भीषण गंदगी व कीचड़ रहा जिससे तजियादारों में काफी आक्रोश नज़र आया।
किछौछा दरगाह में 01 मोहर्रम से ही श्रद्धालुओं की काफी भीड़ जमा है जो 10 मोहर्रम पर भी मौजूद रही तथा 9वीं मोहर्रम की रात्रि में दरगाह कैम्पस में काफी भीड़ मौजूद रही। बताते चलेंकि दरगाह किछौछा में प्रति वर्ष 1 मोहर्रम से 10 मोहर्रम तक देश के कोने कोने से आये श्रद्धालुओं की भीड़ होती है जो गत वर्ष लॉक डाउन के कारण नहीं आओ थी लेकिन इस वर्ष श्रद्धालुओ की काफी भीड़ आई है।
शिय समुदाय द्वारा नौवीं मोहर्रम की पूरी रात्रि में मजलिसों का देर जारी रहा और दसवीं मोहर्रम पर फाखा रखा गया जबकि सुन्नी समुदाय के अधिकांश लोगों द्वारा यौमे आशूरा पर रोजा रखा गया।
10वीं मोहर्रम को लेकर प्रशासन पूरी तरह सतर्क रहा और पूर्व वर्षों की तरह ही ड्यूटियां लगाई गई थी। जिलाधिकारी व अपर जिलाधिकारी के निर्देश पर सभी नगर पालिका व नगर पंचायतों द्वारा क्षेत्रों में साफ सफाई व चूने का छिड़काव किया गया था।

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