सूचना न्यूज़ Whatsapp Join Now
Telegram Group Join Now

अम्बेडकरनगर: वैश्विक महामारी कोरोना का विश्व प्रख्यात दरगाह की नगर पंचायत अशरफपुर किछौछा पर काफी प्रतिकूल असर पड़ा है जिससे विकास कार्य भी बुरी तरह प्रभावित हुआ है। नगर पंचायत अशरफपुर किछौछा की अध्यक्ष शबाना खातून ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को दो पृष्ठीय पत्र लिख कर राज्य वित्त मद में कटौती ना करने एवं अतरिक्त धनराशि देने की मांग किया है।
नगर पंचायत अशरफपुर किछौछा की अध्यक्ष शबाना खातून ने पत्र में लिया कि नगर पंचायत अशरफपुर किछौछा के राज्य वित्त मद में लगातार कटौती की जा रही है, जिसके कारण नगर पंचायत में आग जनमानस के हितों के लिए कार्य किया जाना सम्भव नहीं हो पा रहा है। बताया गया कि नगर पंचायत अशरफपुर किछौछा का सीमा विस्तार शासन द्वारा 10 अगस्त 2016 को करते हुए नगर पंचायत में 03 राजस्व ग्राम सभा बसखारी , मलिकपुर , मखदूमनगर को सम्मिलित किया गया है। उक्त तीनों ग्राम सभाएं विकास से पूरी तरह वंचित था जो कि नगर पंचायत में सम्मिलित होने के बाद आम जनमानस में उक्त क्षेत्र के विकास की आशा अत्यधिक लग रही है। नगर पंचायत के सीमा विस्तार के पूर्व नगर पंचायत को राज्य वित्त आयोग मद में लगभग 31.71 लाख रुपया प्राप्त होता था जबकि सीमा विस्तार से पहले नगर पंचायत की जनसंख्या व क्षेत्रफल (वर्ष 2011 के अनुसार 15838 थी तथा नगर पंचायत का क्षेत्रफल लगभग 5 वर्ग किलोमीटर में फैला हुआ था अब सीमा विस्तार हो जाने के बाद वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार कुल जनसंख्या 28219 हो गई है तथा क्षेत्रफल 9 59 वर्ग किमी 0 में फैला हुआ है) काफी बढ़ गया है। अगर हम जनसंख्या और क्षेत्रफल की दृष्टि से देखें तो नगर पंचायत का राज्य वित्त लगभग 64 से 65 लाख बनता है जो इस नगर पंचायत को वर्ष 2019 के माह अप्रैल में लगभग 65 लाख रुपए प्राप्त हुआ था। अवगत कराया गया कि मार्च से लाकडाउन होने के कारण नगर पंचायत की नगर निधि में कोई धनराशि प्राप्त नहीं हो रही है तथा टैक्सी स्टैण्ड की सरकारी बोली 4, 5 माह स्थगित थी और उसके बाद जो बोली स्टैण्ड के लिए कराई गयी तो लाकडाउन के भय एवं डर के कारण पिछले वर्ष के सापेक्ष मात्र 30.10 लाख में टैक्सी स्टैण्ड का ठेका ही हो सका, जिससे नगर पंचायत के सरकारी बोली के अनुसार लगभग 116 लाख का नुकसान हुआ। जिसके कारण नगर पंचायत के बहुत से महत्वपूर्ण कार्य बाधित हो गए हैं। वर्ष 2016 में राज्य वित्त आयोग से लगभग 31.71 लाख प्राप्त होता था, जिसमें से कर्मचारियों के वेतन पर लगभग 10 से 12 लाख रूपया खर्च होता था, बाकी बची धनराशि से विकास कार्य को पूर्ण किया जाता था। विगत माह 05 अप्रैल , मई , जून , जुलाई वर्ष 2020 में मात्र अप्रैल , जुलाई एवं अगस्त 2020 का ही राज्य वित्त प्राप्त हुआ, वह भी पर्याप्त धनराशि नहीं थी। नगर पंचायत के कर्मचारियों का वेतन देने के बाद कार्यालय का खर्च भी निकालना सम्भव नहीं हो रहा है। वर्तमान समय में नगर पंचायत के स्थाई, नियमित, संविदा के कुल कर्मचारियों का वेतन तथा पी.एफ मिलाकर लगभग 27 लाख रुपये बनता है, जो कि माह अगस्त 2020 में राज्य वित्त आयोग से मात्र 25.55 लाख की धनराशि ही प्राप्त हुई, जो कि नगर पंचायत के कर्मचारियों के वेतन देने योग्य भी नहीं है। पत्र में कहा गया कि नगर पंचायत में अस्थाई गौशाला संचालित है, जिसमें लगभग 15 से 20 लाख रूपया खर्च हुआ है तथा वर्तमान समय में लगभग 65 से 70 पशु मौजूद हैं। जिनके चारा एवं भूसा का भी लगभग 10 से 12 लाख रुपये बकाया भी है तथा लाकडाउन के दौरान चलाए गये कम्युनिटी किचेन का कुल खर्च लगभग 21 लाख रुपये था, जिसमें इस नगर पंचायत को शासन द्वारा मात्र 05 लाख रूपया ही प्राप्त हुआ है जिसके कारण कम्युनिटी किचेन का अभी लगभग 16 लाख रूपया बकाया चल रहा है। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि नगर पंचायत के पास पर्याप्त धनराशि न होने के कारण नगर पंचायत की साफ सफाई व्यवस्था पूर्ण रूप से प्रभावित होती जा रही है। क्योंकि नगर पंचायत की कूड़ा गाडियों के संचालन में लगने वाले डीजल पर प्रतिमाह लगभग 02 लाख रूपये का व्यय होता है। उक्त डीजल पम्प वाले का विगत 02 माह का नगर पंचायत पर लगभग 04 लाख बकाया है। नगर पंचायत अशरफपुर किछौछा की अध्यक्ष शबाना खातून ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से कहा कि “इन सभी परिस्थितियों से आपको अवगत कराना अधोहस्ताक्षरी का परम् कर्तव्य है और आशा एवं उम्मीद है कि आप इस नगर पंचायत की समस्याओं एवं सम्मानित नागरिकों की भावनाओं को दृष्टिगत रखते हुए तत्काल उचित धनराशि की व्यवस्था इस नगर पंचायत के लिए अवश्य करेंगे। हमारी नगर पंचायत आपकी सदैव आभारी रहेगी।”

सूचना न्यूज़ Whatsapp Join Now
Telegram Group Join Now