अम्बेडकरनगर: नगर पालिका परिषद अकबरपुर में अमृत पेयजल योजना के अंतर्गत जल निगम के अधिकारियों द्वारा सरकारी धन की जमकर बंदरबाँट करने का आरोप लगाते हुए जिलाधिकारी से जांच कर आवश्यक कार्यवाही की मांग की गई है। वरिष्ठ समाजसेवी बालमुकुंद धुरिया, बादशाह खान, निक्कू प्रजापति सहित कई दर्जन संभ्रान्त नागरिकों ने जिलाधिकारी राकेश कुमार मिश्र को ज्ञापन देकर अकबरपुर नगर पालिका परिक्षेत्र में अमृत पेयजल योजना पार्ट 2 के तहत नगर क्षेत्र में बिछाए जा रही पाइप लाइन में सरकारी धन की बंदरबाँट करने के मामले की जांच की अपील किया है।जिलाधिकारी को दिए गए कई दर्जन संभ्रान्त नागरिकों के हस्ताक्षर युक्त प्रार्थना पत्र में निवेदन किया गया है है कि प्रार्थीगण नगर पालिका परिषद, अकबरपुर के स्थायी निवासी है । नगर पालिका क्षेत्र के अन्तर्गत जल निगम, अकबरपुर द्वारा अमृत पेय जल योजना पार्ट 2 के अन्तर्गत पाइप लाईन विछाये जाने का कार्य हो रहा है, परन्तु जल निगम द्वारा रीन स्टेटमेन्ट महीनों तक नहीं कराया जाता है, पाईप लाईन विछाते समय खडन्जा उखाड़कर पुराने इंटों को किनारे रख दिया जाता है। पाईप डालने के बाद उस खडन्जे पर नई ईंटों को लगाये जाने का प्रस्ताव कर स्टेटमेन्ट तैयार किया गया है, परन्तु नई ईंट न लगाकर उस पर पुनः वहीं उखाडा गया पुराना ईट लगाया गया जाता है, सहायक अभियन्ता अमन यादव द्वारा अपने अधीनस्थों पर दबाव बनाकर नई ईटों का भुगतान ठेकेदार को कराया जा रहा है। लोरपुर ताजन वार्ड में बारा दरियवा से लेकर बाजार होते हुए इमली के पेड़ तक और लगभग विभिन्न वार्डो में भी ऐसी ही पाइप लाइनबिछाकर पिचरोड तोड़कर पाईप डालने का कार्य किया गया है, परन्तु उसकी मरम्मत नहीं कराया गया है जिन सीसी रोडों की मरम्मत करायी जा रही है, उसमें भी गुणवत्ता का ध्यान नहीं रखा जा रहा है, रोड पर मिट्टी गड्ढा हो जाने के कारण आने जाने में जनता को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है, जिससे दुर्घटनाएं हो जाती है । सहायक अभियन्ता अपने पद का दुरूपयोग करते हुए पाईप लाईन की नाली जेसीबी मशीन द्वारा खुदवाते है, जब कि भुगतान दैनिक मजदूरों के रूप में किया जा रहा है। सरकारी धन का बंदरबाट सहायक अभियन्ता द्वारा किया जा रहा है, यदि जनता के लोग विरोध करते हैं, तो अमन यादव द्वारा अपने पद का धौंस दिखाया जाता है, जिससे सहायक अभियन्ता के प्रति नगरवासियों में काफी रोष है, यदि किसी ने बात करना चाहा, तो डांटकर फोन रखवा दिया जाता है, और यह कहा जाता है कि कुछ बिगाड़ नहीं पाओगे। ऐसी दशा में गुणवत्ता की जांच कराकर सहायक अभियन्ता के विरूद्ध कार्यवाही किया जाना जनहित में आवश्यक है।
मांग की गई है कि उक्त कार्यों की मजिस्ट्रेट स्तर के अधिकारियों से जांच कराते हुए आरोपियों के खिलाफ कठोर कार्यवाही की जाए।